OpenAI के चैटबॉट ChatGPT के लिए मुसीबते ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। जहाँ एक तरफ इसे चीन और इटली जैसे बड़े देश अपने यहाँ उपयोग के लिए अस्थाई रूप से प्रतिबंधित कर चुके हैं, वहीं Facebook की पैरेंट कम्पनी Meta ने इससे जुड़ी शोध रिपोर्ट जारी करके, इसकी मुसीबतों को और बड़ा दिया है। दरअसल Meta Security Team ने अपनी शोध रिपोर्ट में जानकारी दी है कि उन्हें 10 मैलवेयर फैमली मिली है, जो ChatGPT और इसी तरह के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल के रूप में पाए गए है। हैकर्स अधिकारिक वेब स्टोर में उपलब्ध दुर्भावनापूर्ण ब्राउजर एक्सटेंशन बनाते हैं, जो ChatGPT से संबंधित टूल पेश करने का दावा करते हैं। Meta के अनुसार मैलवेयर ऑपरेटर, स्कैमर्स और स्पैमर्स की पहली पसंद अब AI बन चुका हैं, इसके पीछे का कारण लोगों की इसमें बढती रूचि और इससे जानने की लिए इसका बढ़ता उपयोग है। मेटा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी Guy Rosen के अनुसार "ChatGPT नया क्रिप्टो" है। जिस तरह से क्रिप्टो स्कैम्स डिजिटल करंसी में रूचि से प्रेरित थे, ठीक उसी तरह ChatGPT घोटाले AI में रूचि से प्रेरित हैं।
गौरतलब है कि वर्तमान में AI के डेवलपमेंट को लेकर एक नई तरह की बहस छिड़ गई है। कुछ लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को मानवता के लिए खतरा बता रहे तो, कुछ का मानना यह है कि यह भी अन्य पुरानी टेक्नोलॉजी की तरह मानव जीवन को आसान बनाने का काम ही करेगी। वर्तमान में Google, Microsoft और Twitter जैसी बड़ी फर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर कार्य कर रही हैं।
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