भारत वर्तमान में दुनिया के उन ताकतवर देशों में शामिल हैं, जिसके द्वारा उठाए गए किसी भी मुद्दे पर दुनिया भर के देशों की निगाहें जम जाती है और संयुक्त रूप से सभी देश भारत के समर्थन में दिखाई पड़ते हैं। कुछ ऐसा ही मुद्दा Crypto Regulation है, जिसपर भारत सरकार ने जब से अपनी प्रतिक्रिया दी है, तब से दुनियाभर के देश भारत की ओर उम्मीदभरी निगाहों से देख रहे हैं। भारत सरकार ने भी दुनियाभर के देशों को निराश न करते हुए क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन से जुड़े ऐसे फ्रेमवर्क निर्माण की घोषणा की है, जो सभी देशों के लिए मान्य हो।
हाल ही में भारत की अध्यक्षता में G20 के फाइनेंस मिनिस्टर्स और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की Morocco के Marrakech में हुई मीटिंग में क्रिप्टो एसेट्स को रेगुलेट करने के उद्देश्य से एक रोडमैप को सर्वसम्मति से अपनाने की घोषणा की गई। जिसके लिए बाकायदा एक संयुक्त विज्ञप्ति भी जारी की गई। जो एक और सबूत है कि दुनियाभर के देश भारत की अध्यक्षता में ही क्रिप्टो रेगुलेशन से जुड़ा फ्रेमवर्क चाहते हैं। क्योंकि सभी जानते हैं कि भारत सदैव ही वसुधैव कुटुम्बकम की विचारधारा के साथ आगे बढ़ा है। जिससे क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन से जुड़ा कोई भी फ्रेमवर्क भारत के अलावा किसी भी देश के लिए बनाना मुमकिन नहीं हैं।
भारत कई बार अपने बयानों में इस बात का जिक्र कर चुका हैं कि एक अकेले के प्रयास से क्रिप्टोकरंसी को रेगुलेटेड नहीं किया जा सकता, इसमें सबके साथ की आवश्यकता है। क्रिप्टो रेगुलेशन की दिशा में भारत ने ही पहल करते हुए उस धागे का काम किया, जिसने दुनियाभर के देशों को एक माला के रूप में पिरोने में सहायता की। भारत ने ही पूरी दुनिया को यह संदेश दिया था कि क्रिप्टो पर बैन लगाना कोई हल नहीं हैं, बल्कि इसे रेगुलेटेड कर इसे उपयोग में लाया जा सकता है।
भारत द्वारा क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों से दुनिया के सभी देश प्रभावित है और अलग-अलग इस दिशा में अपना योगदान दे रहे हैं। भारत के क्रिप्टोकरंसी के प्रति संवेदनशीलता का ही नतीजा है कि दुनिया भर के बड़े देश क्रिप्टोकरंसी पर अपना नरम रुख आपनाए हुए हैं। जहाँ UAE, कनाडा और वियतमान जैसे देश तो क्रिप्टो हब के रूप में अपने आपको परिवर्तित करने में लगे हुए हैं। वहीँ इस कड़ी में अब यूनाइटेड किंगडम जैसा देश भी शामिल हो गया है।
अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश में होने वाला प्रेसिडेंट इलेक्शन भी अब क्रिप्टोकरंसी के इर्दगिर्द घूम रहा हैं। जहाँ कई उम्मीदवार क्रिप्टोकरंसी पर अपना समर्थन दिखा चुके हैं। दुनिया के अन्य छोटे देश भी अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए क्रिप्टोकरंसी को अपना रहे है। कुलमिलकर यह कहा जा सकता है कि क्रिप्टो पर भारत के विचार से दुनियाभर के देश प्रभावित दिख रहे हैं और क्रिप्टोकरंसी पर वैश्विक रूप से भरोसा बढ़ता जा रहा हैं।
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