BRICS अलायन्स अगले महीने अगस्त में नई करंसी के गठन पर फैसला लेने के लिए पूरी तरह तैयार है। ऐसा अनुमान है कि BRICS की यह नई करंसी U.S. dollar को पीछे छोड़ देगी। BRICS क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसक्शन्स के लिए नई करंसी को उपयोगी बनाकर dollar के वर्चस्व को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस पर Russia के सेन्ट्रल बैंक की गवर्नर Elvira Nabiullina ने जल्द ही जारी होने वाली BRICS करंसी के निर्माण पर एक रियलिटी चेक दिया है।
Nabiullina की घोषणा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर U.S. करंसी को कमजोर करने के Russian राष्ट्रपति Vladimir Putin के प्रयासों को कमजोर कर दिया है। सेंट्रल बैंक की गवर्नर ने करंसी लॉन्च होने से पहले ही इंटरनेशनल मार्केट पर कब्जा करने की Russia और China की कोशिश पर पानी फेर दिया है। गवर्नर ने कहा कि BRICS करंसी को आगे बढ़ने के लिए कई स्टेकहोल्डर्स की सहमति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अभी करंसी पर ध्यान देने की आवश्यकता है, इसके लिए कई पक्षों की सहमति की भी आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा की, इंटरनेशनल ट्रेड के लिए एक नई करंसी को लागू करना काफी कठिन होगा। इंटरनेशनल ट्रेड में उपयोग के लिए एक नई करंसी विकसित करना कोई सरल परियोजना नहीं है। सिर्फ करंसी को लॉन्च करना ही नहीं, ग्लोबल ट्रांसक्शन्स का समर्थन करने के लिए बेसिक पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को भी स्थापित किया जाना अभी बाकी है।
BRICS की नई करंसी की अटकलों के बीच भारत ने बड़ा ऐलान किया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि नई BRICS करंसी पर भारत की कोई योजना नहीं है और अभी हमारा ध्यान नेशनल करंसी को मजबूत करने पर है। उनका यह बयान BRICS सम्मिट में नई करंसी पर चर्चा की खबरों के बीच आया है। हालांकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि Bangladesh, Egypt, Belarus, Iran, Saudi Arabia और Indonesia समेत 41 देश BRICS करंसी के पक्ष में हैं। जबकि भारत चाहता है कि डी-डॉलराइजेशन के बीच रुपया मजबूत हो।
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