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Argentina में क्रिप्टो टैक्सेशन में बदलाव, निवेशक कन्फ्यूज

महत्वपूर्ण बिंदु
  • Argentina के राष्ट्रपति ने ओम्निबस रिफार्म पैकेज से प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी टैक्स को हटाने का निर्णय लिया हैं।
  • राष्ट्रपति Javier Milei का निर्णय निवेशकों में क्रिप्टो रेगुलेशन और टैक्सेशन से जुड़ा कंफ्यूजन पैदा करता हैं।
  • क्रिप्टो टैक्सेशन में बदलाव के तहत अब क्रिप्टो रखने या ट्रांजेक्शन करने पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन प्रॉफिट पर टैक्स लगाया जाएगा।
02-Feb-2024 Rohit Tripathi
Argentina में क्रिप्टो टैक्सेशन में बदलाव, निवेशक कन्फ्यूज

Argentina के राष्ट्रपति Javier Milei ने हटाया क्रिप्टो से टैक्स

Argentina के राष्ट्रपति Javier Milei ने विवादास्पद ओम्निबस रिफार्म पैकेज से प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी करों को हटाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राष्ट्रपति द्वारा क्रिप्टो टैक्सेशन में बदलाव के तहत अब Argentina में क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होने या उसके माध्यम से पेमेंट करने पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा। लेकिन यहाँ ध्यान रखने वाली बात यह है कि अगर प्रॉफिट के लिए बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी को सेल किया तो सरकार उसपर टैक्स लेगी। सरकार द्वारा क्रिप्टो टैक्सेशन पर अपनायी गई अप्रोच देश में क्रिप्टो निवेशकों को दुविधा में डालती हैं। क्योंकि एक तरफ तो सरकार क्रिप्टो निवेशकों को राहत देने की दिशा में कार्य कर रही हैं और दूसरी तरफ प्रॉफिट पर टैक्स लगाकर सरकार निवेशकों से उनके हक़ को छीन रही हैं। साथ ही साथ Argentina सरकार का यह फैसला निवेशकों में क्रिप्टो रेगुलेशन और टैक्सेशन से जुड़ा कंफ्यूजन भी पैदा करता हैं। यह नजरिया दर्शाता है कि सरकार द्वारा लिया गया फैसला जल्दबाजी हैं। बता दे कि राष्ट्रपति Javier Milei की पार्टी कांग्रेस में अल्पमत में है और शायद अपने इस निर्णय से Javier Milei यह उम्मीद कर रहे हैं कि अगर उनकी सरकार गिरती है और दोबारा चुनाव होते हैं तो उन्हें क्रिप्टो निवेशकों का साथ मिल सकता हैं। 

Coingabbar का मानना है कि ओम्निबस रिफार्म पैकेज से प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी टैक्सेज को हटाना देश में क्रिप्टो रेगुलेशन और टैक्सेशन में बारीकियों को जोड़ता है। साथ ही साथ राष्ट्रपति Javier Milei का यह निर्णय देश में क्रिप्टो रेगुलेशन की दिशा में एक उल्लेखनीय विकास को दर्शाता हैं। अर्जेंटीना में उठाया गया यह कदम क्रिप्टो स्पेस में स्पष्ट और व्यापक नियमों की जरूरत को भी रेखांकित करता हैं। हालाँकि अर्जेंटीना की सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय क्रिप्टो कम्युनिटी के बीच चर्चा और बहस का विषय भी बन सकता हैं। साथ ही में अन्य देशों में भी क्रिप्टो रेगुलेशन पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है। 

भारत की तरह नजर आता है अर्जेंटीना का क्रिप्टो टैक्सेशन

अर्जेंटीना में जिस तरह क्रिप्टो टैक्सेशन में बदलाव किया गया है, वह बिलकुल भारत की तरह नजर आता हैं। जहाँ अर्जेंटीना में  क्रिप्टो टैक्सेशन में बदलाव के तहत अब क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होने या उसके माध्यम से पेमेंट करने पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन अगर प्रॉफिट के लिए बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी को सेल किया जाता है तो क्रिप्टो निवेशकों को उसपर टैक्स देना होगा। ठीक इसी तरह भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी से प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लिया जाता है। साथ ही सोर्स पर 1 प्रतिशत TDS की कटौती की जाती हैं, अगर यह दी गई सीमा को पार कर जाती है तो। 

यहाँ अर्जेंटीना और भारत में एक और समानता नजर आती हैं, वह है क्रिप्टो रेगुलशन की दिशा में अस्पष्टता। दरअसल भारत और अर्जेंटीना दोनों ही G20 के सदस्य हैं और वर्तमान में सभी G20 देश भारत की अध्यक्षता में एक ग्लोबल क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की दिशा में काम कर रहें हैं। मतलब अर्जेंटीना सरकार और भारत सरकार एक तरफ क्रिप्टो रेगुलेशन की दिशा में काम कर रही हैं, वहीँ दूसरी तरफ दोनों ही सरकारें क्रिप्टो पर किसी भी तरह के निर्णय से बचती नजर आती हैं। उदहारण के लिए भारत सरकार के वित्त मंत्रायल द्वारा पेश किए गये Union Budget में क्रिप्टो टैक्सेशन से जुड़ी कोई राहत निवेशकों को नही दी गई। साथ ही साथ बजट स्पीच में वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने एक भी बार क्रिप्टोकरेंसी के विषय में बात भी नहीं की। क्रिप्टो पर सरकारों का यह दोहरा रवैया निवेशकों को काफी मायूस करता हैं। साथ ही यह क्रिप्टो स्पेस में मौजूद निवेशकों के विश्वास को भी कम करता हैं। ऐसे में जरुरी हैं कि सरकार अपनी नीति को स्पष्ट रखे ताकि क्रिप्टो इंडस्ट्री के निवेशकों का भरोसा बना रहे। 

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व्हाट यूअर ओपिनियन
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