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क्या हो अगर बन जाए चोरी हुए Crypto को सीज करने से जुड़ा ग्लोबल नियम

महत्वपूर्ण बिंदु
  • UK के हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स द्वारा चोरी हुए Crypto को सीज करने से जुड़ा एक बिल पास कर पार्लियामेंट से फाइनल अप्रूवल के लिए भेजा गया है।
  • बिल फाइनल स्टेज में पार्लियामेंट के द्वारा संशोधित होगा या फिर इसमें कुछ बदलाव होंगे। अप्रूवल के बाद बिल शाही सहमति के माध्यम से कानून बन जाएगा।
  • अगर ग्लोबली सभी देशों की सरकारे मिलकर Crypto को सीज करने से जुड़ा कोई नियम बना दे तो बढ़ती क्रिप्टो हैक की घटनाओं पर विराम लगाया जा सकता है।
20-Sep-2023 Rohit Tripathi
क्या हो अगर बन जाए चोरी हुए Crypto को सीज करने से जुड़ा ग्लोबल नियम

UK में पास हुआ चोरी हुए क्रिप्टो को सीज करने से जुड़ा बिल

अवैध क्रिप्टोकरंसी के उपयोग को निशाना बनाने हेतु UK की अथॉरिटीज की क्षमता का विस्तार करने के लिए UK हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स ने एक बिल को पास किया है। चोरी हुई क्रिप्टो को सीज करने वाला यह बिल अब अपने अप्रूवल के फाइनल स्टेज में UK पार्लियामेंट के पास भेजा गया है। जहाँ पार्लियामेंट यह निर्णय करेगी कि इस बिल में प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार करेगी या फिर बिल में बदलाव की सिफारिश करेगी। पार्लियामेंट से फाइनल अप्रूवल मिलते ही यह औपचारिक रूप से शाही सहमति के माध्यम से कानून के रूप में हस्ताक्षरित हो जाएगा। बताते चले कि वर्ष 2022 में इकोनोमिक क्राइम्स एंड कॉर्पोरेट ट्रांसपेरेंसी नाम का यह बिल UK हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के समक्ष पेश किया गया था। 

Crypto को सीज करने से जुड़े ग्लोबल नियम की है आवश्यकता 

क्रिप्टोकरंसी मार्केट दुनिया में सबसे  जोखिम भरे मार्केटों में से एक माना जाता हैं। मार्केट में जहाँ क्रिप्टोकरंसी के मूल्य को लेकर एक बड़ी अस्थिरता देखी जाती है, तो वहीँ क्रिप्टो हैक्स और साइबर अटैक इस मार्केट के लिए एक सबसे बड़ी समस्या है। हैकर्स बड़े आराम से दुनिया के बड़े-बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों को निशाना बनाकर मिलियंस की क्रिप्टो चोरी को अंजाम देते हैं और Tornado Cash में गोपनीय तरीके से चुराई गई क्रिप्टो को भेज देते हैं। जिसके बाद चुराई गई क्रिप्टो को प्राप्त करना मुश्किल होता है। लेकिन UK द्वारा लाये गए, चोरी किये गए क्रिप्टो को सीज करने से जुड़ा बिल पास करने के बाद इन घटनाओं पर विराम लगने की एक उम्मीद जागी है। अगर वैश्विक रूप से सभी देश मिलकर एक ऐसा बिल पास कर दे, जो चोरी की गई क्रिप्टो को सीज करने का काम करें। इससे Lazarus Group जैसे बड़े क्रिप्टो हैकिंग ग्रुप के बढ़ते एक्सचेंजों पर अटैक से निपटा जा सकता है। क्योंकि अगर चोरी की गई क्रिप्टो अगर सीज हो जाती है, तो वह किसी काम की नहीं रहेगी और हैकर्स को क्रिप्टो मार्केट में किए गए हैक से कोई लाभ नहीं होगा। परिणामस्वरूप धीरे-धीरे क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों द्वारा किये जा रहे हमले बंद हो जाएँगे। जिसका असर मार्केट की ग्रोथ पर भी पड़ेगा। 

हालाँकि अभी तक चोरी किए गए क्रिप्टो को सीज करने से जुड़ा UK का बिल भी फाइनल अप्रूवल पर है, पर इसके कानून बनने के चांस काफी अधिक हैं। लेकिन वैश्विक रूप से अभी इस तरह के किसी भी कानून को लेकर कोई चर्चा नहीं है। वर्तमान में भारत की अध्यक्षता में सभी G20 देश मिलकर क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की दिशा में कार्य कर रहे हैं। जहाँ IMF और FSB जैसी इंटरनेशनल अथॉरिटी के सुझावों के बाद एक ग्लोबल क्रिप्टो फ्रेमवर्क के निर्माण की दिशा में कार्य किया जाएगा। हो सकता है कि UK इस ग्लोबल क्रिप्टो फ्रेमवर्क के निर्माण में अपनी ओर से चोरी किए गए क्रिप्टो को सीज करने से जुड़े नियमों को भी शामिल करने का सुझाव दे। अगर ऐसा होता है तो यह भी हो सकता है कि सभी देश UK के इस सुझाव से सहमत भी हो जाए। क्योंकि वर्तमान समय में क्रिप्टोकरंसी मार्केट और एक्सचेंजों के लिए हैकिंग एक बड़ी समस्या बनी हुई हैं। ऐसे में अगर एक बार क्रिप्टोकरंस रेगुलेशन से जुड़ा इस तरह का कोई फ्रेमवर्क बन जाता है तो, सभी देशों के लिए अवैध क्रिप्टोकरंसी के उपयोग को रोकने में सहायता मिलेगी। जिससे टेरर फंडिग और मनी लॉड्रिंग जैसी गतिविधियों पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी। एक आंकड़े के अनुसार अकेला Lazarus Group ही वर्ष 2017 के बाद से क्रिप्टो मार्केट में $2 बिलियन से अधिक की चोरी को अंजाम दे चुका हैं। Lazarus Group के आलावा भी कई हैकर्स ग्रुप है जो लगातार क्रिप्टो मार्केट को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में कई बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज इस तरह के हमले के शिकार हो चुके हैं। 

टेरर फंडिग में हो रहा है अवैध क्रिप्टो के उपयोग  

वर्तमान में दुनियाभर के देश क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और मनी  लॉड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों में होने से काफी चिंतित है। क्योंकि क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है और यह डिसेंट्रलाइज्ड होती है, इसलिए इसके ट्रांजेक्शन को ट्रेक कर पाना काफी मुश्किल होता है। जिसके चलते यह स्कैमर्स और अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों की पहली पसंद है। हालाँकि विभिन्न देशों की सरकारे अपनी-अपनी ओर से इसपर रोक लगाने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सख्त कानून ना बन पाने के कारण इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाना काफी मुश्किल है। 

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व्हाट यूअर ओपिनियन
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