Belarus जो कि एक क्रिप्टो फ्रेंडली देश माना जाता है उसने एक चौकाने वाली घोषणा कर क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को आश्चर्य में डाल दिया है। दरअसल Belarus के विदेश मंत्रालय ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक आधिकारिक घोषणा में कहा है कि वह Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरंसी में पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने वाले एक कानूनी संशोधन पर काम कर रहा है। मंत्रालय ने अपने बयान में हाई साइबर क्राइम रेट का हवाला देते हुए यह प्रतिबंध लगाने की बात कही।
इसके साथ ही मंत्रालय ने P2P के स्थान पर Belarus हाई-टेक पार्क (HTP) के साथ रजिस्टर एक्सचेंजों के माध्यम से क्रिप्टो ट्रांजेक्शन की बात कही। लेकिन Belarus के विदेश मंत्रालय का यह निर्णय राष्ट्रपति Alexander Lukashenko द्वारा साइन किए गए डिक्री के विपरीत नजर आता है। बता दे कि 2022 में Belarus के राष्ट्रपति Alexander Lukashenko ने एक डिक्री पर हस्ताक्षर किये थे, जिसमें Bitcoin (BTC) जैसी क्रिप्टोकरंसी को फ्री मूवमेंट के लिए समर्थन दिया गया था।
पीयर-टू-पीयर P2P क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन पर प्रतिबंध लगाने का सबसे मुख्य प्रभाव फाइनेंशियल इंडिपेंड़ेंस पर होगा। दरअसल P2P क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन बिना बिचौलियों के सीधे लेनदेन को सक्षम बनाता है। ऐसे में अगर यह कानून अमल में आ जाता है तो यूजर्स के बीच स्वतंत्र रूप से ट्रांजेक्शन में लिमिटेशन आ जाएंगे।
इसके साथ ही P2P क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन क्रिप्टो की मूल आत्मा माना जाता है, क्योंकि यह डिसेंट्रलाइजेशन में योगदान करता है। इसी कारण से सेंट्रलाइज्ड ऑफिसर या मध्यस्थों की रिक्वायरमेंट्स ख़तम होती हैं। अगर यह कानून पारित हो जाता है तो Cryptocurrency ट्रांजेक्शन सेंट्रलाइज्ड हो सकता है और क्रिप्टोकरंसी की डिसेंट्रलाइज्ड प्रकृति कमजोर हो सकती है। P2P ट्रांजेक्शन द्वारा क्रिप्टोकरंसी इंडस्ट्री को हमेशा ही नए इनोवेशन करने के लिए बढ़ावा मिला हैं, जिसके कारण कई डिसेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म्स का डेवलपमेंट हुआ है। अगर P2P ट्रांजेक्शन पर बैन लगाया जाता है तो क्रिप्टो इनोवेशन प्रभावित होगा, जिससे क्रिप्टोकरंसी इकोसिस्टम का डेवलपमेंट रुक जाएगा।
P2P क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन पर प्रतिबंध लग जाने का एक और सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके चलते ट्रांजेक्शन इललीगल मार्केट में जा सकता है। एक बार Belarus में P2P क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर प्रतिबंध लगा तो अधिकारियों द्वारा इसे ट्रैक करना मुश्किल काम हो जाएगा, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिग जैसी अवैध गतिविधियों का खतरा बढ़ सकता है।
यह भी पढ़िए : Crypto पर ग्रहण होगा, Joe Biden का फिर से राष्ट्रपति बनना