Ethereum के को-फाउंडर Vitalik Buterin और Ethereum Foundation के रिसर्चर Toni Wahrstatter 'रोलअप सेंट्रिक रोडमैप' के लिए ब्लॉकचेन को ऑप्टिमाइज करने के लिए Ethereum के ब्लॉक साइज को कम करना चाहते हैं। Buterin और Wahrstatter ने तर्क दिया है कि जिस तरह से ब्लॉक स्पेस का इस्तेमाल किया जाता है, वह अभी तक ऑप्टिमाइज नहीं हुआ है और पिछले 12 महीने में प्रभावी ब्लॉक का आकार अनिवार्य रूप से दोगुना हो गया है। Buterin और Wahrstatter ने कहा है कि यह रोलअप का परिणाम हो सकता है, जो कि DA और Inscriptions जैसे ट्रेंड्स का इस्तेमाल शुरू कर रहे हैं।
Buterin और Wahrstatter का कहना है कि Ethereum की गैस लिमिट्स बढ़ाने से पर-ब्लॉक मैक्सीमम ट्राजेंक्शन को एडजस्ट करके नेटवर्क थ्रूपुट और क्षमता में विकास करने की संभावना मिलती है। यही वजह है कि यह दोनों 'रोलअप सेंट्रिक रोडमैप' के लिए ब्लॉकचेन को ऑप्टिमाइज करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, जिसके लिए Buterin और Wahrstatter ने 5 अलग-अलग समाधानों पर चर्चा की है। Ethereum के को-फाउंडर और Ethereum Foundation के रिसर्चर द्वारा विचार किए 5 समाधानों में कॉलडेटा कॉस्ट को कम करना, पर-ब्लॉक कॉलडेटा को कैप करना, एक अलग कॉलडेटा फी मार्केट बनाना और कॉलडेटा-हैवी ऐप्स के लिए 'EVM loyalty Bonus' की पेशकश करना शामिल है।
Vitalik Buterin इससे पहले भी इस तरह के सुझाव पेश कर चुके हैं। Buterin ने जनवरी में गैस लिमिट को 33% बढ़ाकर 40 मिलियन करने का सुझाव दिया था, क्योंकि उनका ऐसा मानना है कि ब्लॉक प्लेस को ऑप्टिमाइज करना और नेटवर्क की सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने के बीच सही संतुलन बनाना और ढूंढना आज भी एक चुनौती बनी हुई है। इस चुनौती से बाहर निकलने के लिए Buterin लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं Buterin का कहना है कि Ethereum के विकास और एफिशिएंसी को बनाए रखने के लिए गैस लिमिट बढ़ाने से इसमें होने वाली समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है।
Coin Gabbar का ऐसा मानना है कि गैस लिमिट बढ़ाने से कई लाभ मिलते हैं। यह नेटवर्क के भीतर ट्रांजेक्शन के हाई थ्रूपुट की परमिशन प्रोवाइड करता है। इसका मतलब यह है कि पर-ब्लॉक में अधिक लेनदेन किया जा सकता है, जिससे नेटवर्क की एफिशिएंसी में सुधार होता है और हाई डिमांड की मांग रखने वालों के बीच कम डिमांड वालों की छंटनी हो जाती है। इसके अलावा गैस लिमिट्स को बढ़ाने से अधिक जटिल और कम्प्यूटेशनल रूप से डीप ट्रांजेक्शन का एक्जिक्यूशन संभंव हो जाता है। कुल मिलाकर गैस लिमिट्स बढ़ाने से ब्लॉकचेन नेटवर्क की स्केलेबिलिटी, पर्फोरमेंस और डेवलपमेंट में मदद मिलती है, जिससे वे बड़ी मात्रा में लेनदेन को संभालने और यूजर्स एवं डेवपलर्स की बढ़ती जरूरतों को समान रूप से पूरा करने में सक्षम बनते हैं।
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