सस्ता टोकन का दावा करें रिजर्व का प्रमाण

क्या स्कैम का नया जरिया बन सकती है OnlyFake की AI सर्विस

महत्वपूर्ण बिंदु
  • OnlyFake साइट की एक सर्विस केवल 15 डॉलर में फेक ड्राइवसर लाइसेंस और पासपोर्ट बनाने का दावा करती है।
  • OnlyFake के ऑनर ने कहा है कि यह ID क्रिप्टो को स्वीकार करने वाले एक्सचेंजों पर KYC चेक्स को बायपास कर सकती है।
  • Wick बताते है कि इस ID का इस्तेमाल फेक डॉक्यूमेंट्स बनाने में नहीं किया जाता है, लेकिन फिर भी भविष्य में यह प्रभावित कर सकती है।
06-Feb-2024 By: Deeksha
क्या स्कैम का नया जर

OnlyFake की AI जनेरेटेड सर्विस, जो दे रही फेक लाइसेंस और पासपोर्ट

OnlyFake साइट की एक सर्विस केवल 15 डॉलर में फेक ड्राइवसर लाइसेंस और पासपोर्ट बनाने के लिए AI 'Neural Networks' का इस्तेमाल करने का दावा करती है। इसने OKX, Kraken, Bybit और Huobi सहित कई क्रिप्टो एक्सचेंजों पर नो योर कस्टमर (KYC) चेक्स को सफलतापूर्वक पास कर लिया है। OnlyFake, USA, Canada, Britain, Australia और कई European Union Countries सहित 26 देशों के फेक ड्राइवर लाइसेंस और पासपोर्ट बनाती है और Coinbase की कॉमर्शियल पेमेंट सर्विस के माध्यम से कई क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट रिसीव करती है। 

फेक डॉक्यूमेंट्स का निर्माण नहीं करते हैं OnlyFake के ऑनर

OnlyFake के ऑनर John Wick ने दावा किया है कि यह AI जनरेटेड ID क्रिप्टो को स्वीकार करने वाले Neobank Revolut के साथ-साथ Binance, Kraken, Bybit, Huobi, Coinbase और OKX एक्सचेंजों पर KYC चेक्स को बायपास कर सकते हैं। दूसरी तरफ John Wick का कहना है कि वे फेक डॉक्यूमेंट्स का निर्माण नहीं करते हैं, क्योंकि यह इललीगल है। Wick ने बताया है कि वे इसका इस्तेमाल केवल फिल्मों, टीवी शो और वेब इलस्ट्रेशन में कर रहे हैं। वहीं Wick का यह भी कहना है कि हो सकता है यूजर्स इस ID का इस्तेमाल वैरिफिकेशन को बायपास करने के लिए कर रहे हों। 

OnlyFake द्वारा पेश की जा रही यह सर्विस यूजर्स को जल्दी से जल्दी फेक आईडी बनाने और इमेज मेटाडेटा को परिवर्तित करने की परमिशन देती है, जिससे रियल आईडी की पहचान करना मुश्किल है। भले ही OnlyFake के ऑनर इस Artificial Intelligence 'Neural Networks' का इस्तेमाल सिर्फ एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कर रहे हैं, लेकिन यह फ्यूचर में कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकती है। 

AI जनरेटेड फेक आईडी पैदा कर सकती है कई जोखिम

CoinGabbar की राय के अनुसार, AI जनरेटेड फेक आईडी कई जोखिमों को पैदा कर सकती है, जिसमें पहचान की चोरी, धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियां शामिल है। इस तरह की फेक आईडी वैरिफिकेशन सिस्टम्स को कमजोर बनाती हैं, जो कि क्रिप्टो एक्सचेंजों और फाइनेंशियल इस्टिट्यूशन जैसी सेंसिटिव सर्विसेज को अनअथॉराइज्ड पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं। साथ ही इस तरह की सर्विसेज क्रिप्टो इंडस्ट्री में स्कैम्स को बढ़ावा दे सकती है और स्कैमर्स के लिए स्कैम्स करने के दरवाजे खोल सकती है। इस तरह की आईडी की व्यापक उपलब्धता और प्राप्त करने में आसानी सिक्योर डिजीटल इकोसिस्टम को बनाए रखने में ऑफिसर्स और ट्रेडर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को बढ़ाती है, जिसके लिए मजबूत और ठोस समाधानों को अपनाने की आवश्यकता है। 

SEC को इस प्रकार की AI सर्विसेज के यूज पर विचार की आवश्यकता

क्या सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के साथ बड़े-बड़े देशों को AI 'Neural Networks' और ऐसी अन्य सर्विस को बढ़ने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पर विचार करना चाहिए। क्योंकि जिस तरीके से फेक AI सर्विसेज का इस्तेमाल बढ़ रहा है, यह भविष्य में बड़े-बड़े खतरे अपने साथ लेकर आ सकती है। वर्तमान में मौजूद AI Deepfake Technology का भी स्कैमर्स गलत इस्तेमाल कर स्कैम्स को अंजाम दे रहे हैं, तो हो सकता है आगे चलके Neural Networks जैसी AI सर्विसेज एंटरटेनमेंट जोन को छोड़कर फ्रॉड्स और स्कैम्स में बढ़ सकती हैं, जिसकी वजह से लोगों को फंड लॉस होने की संभावना है। इसलिए यह बेहद ही आवश्यक हो गया है कि SEC के साथ बड़े-बड़े देशों को AI Technology से होने वाले दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई और ठोस नियम लागू करने पर विचार करना चाहिए। 

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