AI पूरी दुनिया पर राज करने के लिए बड़ी तेजी से अपने कदम आगे की ओर बढ़ा रहा है। AI ने दुनिया के हर कोने में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी है। इतना ही नहीं AI को लेकर कई देश, प्लेटफॉर्म्स और कंपनीज अलग-अलग टेक्निक्स को पेश करने की होड़ में लगी हुई हैं। इसके पीछे की वजह खुद को AI टेक्निक्स में दूसरों से बेहतर बनाकर आगे निकलना है। इसी तर्ज पर काम करते हुए China ने अलग ही स्ट्रेटजी पेश की है। बता दें कि China ने जनरेटिव Artificial Intelligence (AI) सर्विसेज प्रोवाइड करने वाली कंपनीज के लिए इसे लेकर सुरक्षा नियमों का एक ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें AI मॉडल ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डेटा सोर्सेज पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। National Information Security Standardization Committee द्वारा यह सुरक्षा नियम जारी किए गए हैं।
Committee सार्वजनिक रूप से जनरेटिव AI मॉडल को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मटेरियल पर सुरक्षा मूल्यांकन की सिफारिश करती है। इसी के साथ Committee ने यह भी कहा है कि अनलॉफुल और डेटरीमेंटल इनफोर्मेशन के रूप में 5% से अधिक मटेरियल पेश करने वाली कंपनीज को ब्लैकलिस्टिंग के लिए नामित किया जाएगा। इसके अलावा इस लिस्ट में टेरोरिज्म, वायलेंस, सोशल सिस्टम का सबवर्जन, कंट्री की रेपुटेशन को नुकसान पहुंचाने वाले कंटेट और देश की एकता एवं स्थिरता पर प्रभाव डालने वाले कंटेट भी शामिल हैं। इस कदम को उठाने के पीछे China का लक्ष्य देश में AI मॉडल से जुड़ी सुरक्षा का विकास करना है, जिससे यूजर्स के जोखिमों को कम किया जा सके। साथ ही देश में गलत जानकारी को बढ़ने से रोका जा सके।
दुनिया भर के देश AI टेक्निक के लिए Regulatory Framework की स्थापना को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। वहीं China, AI पर अलग ही नियम पेश कर रहा है। क्योंकि China, US के साथ कॉम्प्टिशन करने की इच्छा रखता है। इसके लिए China ने 2030 तक AI क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने का टारगेट सेट किया है और इसके लिए उसने योजनाएं बनाना भी शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि China द्वारा सेट किए गए टारगेट को वह कितनी जल्दी अचीव करता है।
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