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AI को खतरा मानने वाले देश अब इस टेक्नोलॉजी की रेस में पिछड़े

महत्वपूर्ण बिंदु
  • दुनिया के सारे देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी पर नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं।
  • कुछ ऐसे भी देश है, जो AI को खतरा मानकर इस टेक्नोलॉजी को अपनाने से डर रहे हैं।
  • UK भी इस लिस्ट में शामिल है, जो AI को खतरा मानता रहा है। लेकिन अब उसे AI की रेस में पिछड़ने का डर लग रहा है।
02-Feb-2024 By: Rohit Tripathi
AI को खतरा मानने वाल

AI को खतरा मानने वाले देश इनोवेशन में रह गए पीछे

वर्तमान में दुनिया का हर छोटे से छोटा और हर बड़े से बड़ा देश AI पर इनोवेशन और रिसर्च के अवसर की तलाश कर रहा है। इन देशों में अमेरिका, भारत, चीन, रूस और फ्रांस जैसे बड़े देशों के साथ में सिंगापुर, कनाडा और इजरायल जैसे छोटे देश भी शामिल हैं। सभी देश अपने-अपने स्तर पर Artifical Intelligence (AI) से जुडी रिसर्च में लगे हुए हैं, भारत जैसा बड़ी आबादी वाला देश जहाँ AI पर रिसर्च के लिए 27 हजार करोड़ रूपए तक का निवेश कर चुका है। वहीँ कनाडा जैसा छोटा देश भी 21 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ AI से जुडी रिसर्च कर रहा है। लेकिन दुनिया के कुछ ऐसे बड़े देश भी हैं जो AI को खतरा मानते हुए इससे जुड़ी रिसर्च से अपने आपको पीछे खीचते रहे हैं। जिसका खामियाजा उनको अब भुगतना पड़ रहा है, जब इससे जुड़ी रिसर्च और इनोवेशन में ये देश पीछे रह गए हैं। 

दुनिया के उन देशों में यूनाइटेड किंगडम भी शामिल हैं, जो शुरूआती दौर से AI को खतरा मानता रहा है। लेकिन अब जब यहाँ के नीतिनिर्माताओं को अहसास हुआ कि AI रिसर्च और इनोवेशन की रेस में वे न केवल पीछे रहे गये हैं बल्कि नौबत उनके हारने की आ गयी है, तो वे अब सरकार से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी इनोवेशन और रिसर्च में सहायता की मांग कर रहे हैं। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में हाउस ऑफ लॉर्ड्स कमेटी ने ब्रिटिश संसद में सरकार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यूनाइटेड किंगडम को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने नजरिये को बदलना होगा और इस टेक्नोलॉजी से जुड़े रिसर्च में तेजी लानी होगी। कमेटी ने आगे कहा कि UK को अपनी उस सोच को भी बदलना होगा, जिसके अनुसार उसे लगता है कि AI मानवता के लिए खतरा है।  

यहाँ Coin Gabbar का मानना है कि हाउस ऑफ लॉर्ड्स कमेटी इस बात को लेकर चिंतित है कि अपनी सोच के चलते यूनाइटेड किंगडम Artifical Intelligence (AI) से जुड़ी रेस में इतना न पिछड़ जाए कि उसे कनाडा, इजराइल और सिंगापुर जैसे देशों से हार का सामना करना पड़े। गौरतलब है कि हाल ही में जारी ग्लोबल AI इंडेक्स की टॉप 10 देशों की लिस्ट में अमेरिका ने पहला स्थान हांसिल किया हैं। वहीँ इस लिस्ट में सिंगापुर, कनाडा और इजरायल जैसे देश भी अपनी जगह बना चुके हैं। जो न केवल देश में AI रिसर्च को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि देश में AI स्टार्टअप्स को भी अपना सपोर्ट प्रदान कर रहे हैं। 

दुनिया की बड़ी-बड़ी टैक फर्म्स भी उतरी AI की रेस में

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया की उन टेक्नोलॉजी में से है, जिसने मानव जीवन को काफी आसान बना दिया। इस टेक्नोलॉजी से वर्तमान में कई सारे इनोवेशन किए जा रहे हैं। इन इनोवेशन में सबसे बड़ा इनोवेशन हैं AI चैटबॉट। वर्तमान में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने के चलते दुनिया की बड़ी-बड़ी टैक फर्म भी इसके निर्माण कार्य में जुट गई हैं। उदहारण के लिए Artifical Intelligence (AI) फर्म OpenAI अपने AI चैटबॉट ChatGPT, GPT 4, ChatGPT 4 Turbo आदि को पेश कर चुकी है। Google भी अपने Bard और Gemini के साथ AI चैटबॉट के इस मार्केट को कैप्चर करना चाहता हैं। ठीक इसी तरह AI को दुनिया के लिए खतरा बताने वाले दुनिया के सबसे अमीर इंसान Elon Musk भी अपनी AI फर्म xAI का निर्माण कर अपना चैटबॉट Grok लॉन्च कर चुके हैं। जिसने AI की रेस में कॉम्पिटिशन को बढ़ा दिया है। जहाँ एक समय लोग AI को खतरा बता रहे थे, वे अब इस टेक्नोलॉजी में रिसर्च करके नए इनोवेशन कर रहे हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता हैं कि जो भी AI को खतरा बताकर इससे दूरी बनाकर रखेगा, वह आने वाले भविष्य की टेक्नोलॉजी से भी अपने आपको दूर कर लेगा।  

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