भारत में AI टेक्नोलॉजी तेजी से विस्तार कर रही है जिसे देखते हुए कई ग्लोबल टेक कम्पनियाँ भारत में कदम रख रही है, हाल ही आई एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2027 तक भारत का AI मार्केट 17 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है। हालाँकि भारत में AI के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ ही इससे जुड़े ख़तरे भी बढ़ रहे है। जिसे लेकर भारत सरकार चिंता में है। इसी के चलते भारत सरकार अब AI को भी रेगुलेट करने की योजना बना रही है।
इसी के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मिनिस्ट्री ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसके अनुसार अब से टेक कंपनियों को नए मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकारी अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही टेक कंपनियों को यह बताना होगा की उनकी AI सर्विस किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करते हैं, या चुनावी प्रक्रिया की अखंडता के लिए खतरा पैदा नहीं करते हैं। एडवाइजरी में IT Act, 2000 और IT Act, 2021 के माध्यम से मंत्रालय को दिए गए अधिकार का हवाला दिया गया है। इसके अनुसार टेक कंपनियों को एडवाइजरी का तुरंत पालन करना होगा और 15 दिनों के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट जमा करनी होगी।
नई एडवाइजरी AI रेगुलेशन पर सरकार के अधिक सक्रिय रुख का संकेत देती है। जिसे देखते हुए माना जा सकता है की भारत सरकार जल्द ही AI रेगुलेशन में लागु कर सकती है। इससे पहले भी Deepfake के खतरों को देखते हुए भारत सरकार ने इसके लिए उचित करवाई के संकेत दिए थे। यह एडवाइजरी 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए भी जारी की गई है, क्योंकि यह अनुमान लगाया जा रहा है कि AI आने वाले इलेक्शंस में अपना प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा हाल ही में AI डेवलप करने वाली 20 टेक फर्म्स ने इस बात को लेकर अपनी चिंता जताई है कि दुनिया भर में होने वाले इलेक्शंस में #AI प्रोडक्ट्स से जोखिम उत्पन्न हो सकता है।
भारत पहले भी G20 जैसे प्लेटफोर्म पर ग्लोबल AI रेगुलेशन का मुद्दा भी उठा चुका है। साथ ही प्रधानमंत्री Narendra Modi भी कई बार AI को लेकर चेतावनी जारी कर चुके है। इसे बात अब यह एडवाइजरी का आना इस बात के साफ संकेत देता है कि भारत सरकार जल्द ही AI रेगुलेशन को लेकर कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
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