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क्या ग्लोबल लेवल Industry 4.0 चेंज के लिए भारत है तैयार

महत्वपूर्ण बिंदु
  • चौथा इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन, जिसे Industry 4.0 के रूप में भी जाना जाता है। भविष्य को एक नया आकार दे रहा है |
  • Industry 4.0 धीरे-धीरे भारत में मैन्युफैक्चरिंग और अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करना शुरू कर रही है।
  • यूरोपियन कमीशन ने भी एक्सटेंडेड रियलिटी में 2025 तक Europe में 860,000 नौकरियां लाने का सुझाव दिया है।
12-Jul-2023 By: Shailja Joshi
क्या ग्लोबल लेवल Ind

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है Industry 4.0 

चौथा इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन, जिसे Industry 4.0 के रूप में भी जाना जाता है। भविष्य को एक नया आकार दे रहा है और रोमांचक कैरियर के अवसर पैदा कर रहा है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, यह आवश्यक है कि भारत के युवा ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार रहें।

भारत Industry 4.0 के लिए कैसे तैयारी कर रहा है?

भारत ने Industry 4.0 को अडॉप्ट करने के लिए कई पहल की हैं। IBEF के अनुसार, भारत सरकार की योजना 2025 तक ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान बढ़ाकर 25% करने की है। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के जरिए भारत ग्लोबल कम्पटीशन का सामना करने के लिए भी तैयार है। यह स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के साथ दुनिया का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए हैवी इंडस्ट्रीज और पब्लिक इंटरप्राइजेज मिनिस्ट्री SME को Industry 4.0 को लागू करने में मदद करने के लिए देश में चार केंद्रों की स्थापना की सुविधा दे रहा है। वहीं भारत की पहली स्मार्ट फैक्ट्री बेंगलुरु में स्थापित की गई है। यह स्मार्ट फैक्ट्री मैन्युफैक्चरिंग में डेटा एक्सचेंज और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) द्वारा संचालित होती है। आंध्र प्रदेश सरकार का लक्ष्य राज्य को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) हब में बदलना है। राज्य सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से 10 IoT हब स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे विभिन्न IoT क्षेत्रों में 50,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।

Industry 4.0 धीरे-धीरे भारत में मैन्युफैक्चरिंग और अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करना शुरू कर रही है। इंडस्ट्री में डाटा-बेस्ड डिसीज़न मेकिंग को भी अपनाया जा रहा है। हालाँकि कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और IoT को अपनाने से भारत में इण्डस्ट्रीलाइजेशन को एक नया जीवन मिलेगा। लेकिन इसे अडॉप्ट करने में पॉलिसी इम्प्लीटेशन की कठिनाइयों के अलावा, एक महत्वपूर्ण बाधा प्रशिक्षित लेबर की कमी और रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के कारण नौकरी के नुकसान पर चिंता है। इसका मुकाबला करने के लिए भारत को एक स्मार्ट रणनीति लागु कर यहां के युवाओ को शिक्षित करना होगा और इस क्षेत्र में अधिक नौकरियां लाना होगी। 

हाल ही में यूरोपियन कमीशन ने भी एक्सटेंडेड रियलिटी में 2025 तक Europe में 860,000 नौकरियां लाने का सुझाव दिया है। कमीशन का मानना है कि 2025 तक इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 1.2 मिलियन से 2.4 मिलियन तक नौकरियां होंगी। United States, China और South Korea में भी Metaverse में इनोवेशन हो रहे है। 

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