कज़ाकिस्तान की सरकार ने इस साल की पहली तिमाही में क्रिप्टो माइनर्स से 1.5 मिलियन डॉलर इकट्ठा किए हैं। पैसा, डिजिटल करेंसी को माइन करने के लिए खर्च की गई बिजली पर लगाए गए शुल्क से आता है।
सरकार ने इस सप्ताह घोषणा कि, की कज़ाकिस्तान को वर्ष के पहले तीन महीनों में क्रिप्टो माइनिंग इंडस्ट्री से 652 मिलियन टेनेज (tenge) (लगभग 1.5 मिलियन डॉलर) प्राप्त हुए है। देश में कानूनी रूप से संचालित माइनिंग फार्म्स द्वारा उपयोग की जाने वाली बिजली पर टैक्स लगाकर ये फंड जुटाया गया है।
1 जनवरी 2022 से इस शुल्क को लागु किया गया था, जिसका भुगतान माइनिंग सुविधाओं का संचालन करने वाली संस्थाओं को 3 महीने के बाद 20 दिन के अंदर करना होता है। इस शुल्क को 1 tenge per किलोवॉट-ऑवर कि रेट पर क्रिप्टोकरेंसी कि माइनिंग में कितनी एनर्जी खर्च हुयी उससे कैलकुलेट किया जाता है।
ये शुल्क अभी तक कज़ाकिस्तान के टैक्स कोड का हिस्सा नहीं है। अथॉरिटीज़ अब उपयोग की गई बिजली की लागत के आधार पर अलग-अलग रेटस को पेश करने की योजना बना रही है, और आवश्यक संशोधनों को हाल ही में संसद के लोअर हाउस Mazhilis में पहली रीडिंग पर स्वीकृत कर लिया गया था।
एक ओर, इस कदम से बजट रिसीट्स में और वृद्धि होने की उम्मीद है, तो दूसरी ओर डिजिटल करेंसी की माइनिंग के लिए बिजली की खपत को सीमित करने की। पिछले साल मई में चीन की क्रिप्टो इंडस्ट्री में अचानक वृद्धि के बाद मध्य एशियाई देश एक प्रमुख माइनिंग हॉटस्पॉट बन गया।
देश की बढ़ती बिजली की कमी के लिए माइनर्स के बढ़ाते प्रभाव को दोषी ठहराया गया है, जिससे दर्जनों माइनिंग फार्म अस्थायी रूप से बंद हो गए हैं। बिजली की कमी ने पहले ही कुछ कंपनियों को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है।
फरवरी में एक सरकारी बैठक के दौरान, राष्ट्रपति Kassym-Jomart Tokayev ने अधिकारियों को क्रिप्टो माइनिंग पर टैक्स बढ़ाने का काम सौंपा। उन्होंने देश के फाइनेंशियल वाचडॉग को देश के सभी माइनिंग फार्म्स की पहचान करने और उनके टैक्स और सीमा शुल्क दस्तावेजों की जांच करने का भी आदेश दिया।
कज़ाकिस्तान ने मई की शुरुआत में माइनर्स के लिए रजिस्ट्रेशन नियमों और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का विस्तार किया, जिसने कंपनियों को अपने माइनिंग उपकरण, नियोजित निवेश और कर्मचारियों की संख्या की ऊर्जा की आवश्यकताओं सहित विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए बाध्य किया। इस बीच, सरकारी ऑडिटर्स टैक्स की खामियों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं जिनका कुछ माइनर्स फायदा उठा रहे है ।