Aave के पीछे की टीम का डिसेंट्रलाइज्ड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Lens Protocol अपने V2 मेननेट पर माइग्रेट हुआ है और यह प्रोसेस 30 अक्टूबर को शुरू हो चुकी है। इस प्रोसेस का उद्देश्य अधिक कंपोजेबल और डेवलपर फ्रेंडली इकोसिस्टम प्रोवाइड करना है। वहीं Lens Protocol के यूजर्स को V2 मेननेट पर पहुंचने के लिए कोई एक्शन लेने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि वे ऑटिमेटिकली Lens V2 मेननेट पर अपनी पहुंच बना पाएंगे। Lens की टीम का कहना है कि केवल Lens API V2 पर माइग्रेट करने का मतलब है कि आपको इस पर 2 गुना स्पीड और अधिक स्केलेबल सिस्टम मिलेगा।
बता दें कि Lens के V2 मेननेट पर माइग्रेट करने के लिए इसकी माइग्रेशन प्रोसेस 30 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है, इसके बाद Lens V1 API लिखने की प्रोसेस को स्वीकार करना बंद कर देगा। Lens का V1 API अब से केवल पुराना डेटा ही वापस करेगा और पढ़ने के लिए काम आएगा जाएगा, लेकिन यह 30 जनवरी 2024 यानी की 3 महीने तक एक्टिव रहेगा। Lens Protocol में हुए इस परिवर्तन से ऑन-चेन डेटा माइग्रेशन के लिए लगभग 20 Million ट्रांजेक्शन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। साथ ही इसमें एक्टिव और रियल यूजर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। टीम का कहना है कि सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने के लिए डेटा माइग्रेशन के दौरान कुछ एक्टिविटीज को रोक दिया जाएगा, जिससे सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जा सके।
Lens Protocol का लक्ष्य Blockchain Technology द्वारा ऑपरेटेड एक सोशल मीडिया इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है, जिससे सोशल मीडिया को Web3 के युग से जोड़ा जा सके। यही वजह है कि Lens Protocol अब अपने V2 फेज में पहुंच चुका है और सोशल मीडिया को सुपरचार्ज कर रहा है। जिससे किसी भी इंटरनेट प्लेटफॉर्म को आसानी से Web3 से जोड़ा जा सके। Lens की टीम ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है।
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