सस्ता टोकन का दावा करें रिजर्व का प्रमाण

क्रिप्टो पर वित्तमंत्री का बयान भारत के नजरिये को करता है स्पष्ट

महत्वपूर्ण बिंदु
  • भारतीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का बयान भारत सरकार के क्रिप्टो को लेकर नजरिये को थोडा स्पष्ट करता है।
  • निर्मला सीतारमण ने डिजिटल एसेट पर कड़ा रुख अपनाया है, और इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें करंसी नहीं माना जा सकता है।
  • वितमंत्री के इस बयान से स्प्ष्ट है कि भारत का नजरिया क्रिप्टो को लेकर काफी नकारात्मक है।
18-Mar-2024 By: Shailja Joshi
क्रिप्टो पर वित्तमंत

क्रिप्टो के पक्ष में नहीं है भारत, वित्तमंत्री ने स्पष्ट किया अपना रुख

भारत सरकार का रुख क्रिप्टो करंसी को लेकर स्पष्ट नहीं होने कर कारण अब तक देश में क्रिप्टो को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाए जा सके है। हालाँकि हाल ही में भारतीय वितमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का एक बयान भारत सरकार के क्रिप्टो को लेकर  नजरिये को थोडा स्पष्ट करता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Bitcoin (BTC) और अन्य डिजिटल एसेट पर कड़ा रुख अपनाया है, और इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें करंसी नहीं माना जा सकता है। सीतारमण ने इस बात पर भी जोर डाला कि क्रिप्टो एसेट का उपयोग मुख्य रूप से केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी ट्रेडिशनल कर्रेंसी के रूप में कार्य करने के बजाय ट्रेडिंग, स्पैक्यूलेशन और प्रॉफिट-मेकिंग एक्टिविटी के लिए किया जाता है। 

हालाँकि वितमंत्री ने ग्लोबल क्रिप्टो रेगुलेशन पर सहमती जताई और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि G20 क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करेगा। वित्तमंत्री का मानना है कि क्रिप्टो रेगुलेशन की कमी के चलते क्रिप्टो के जरिये नशीली दवाओं की तस्करी या आतंकवाद जैसी अवैध गतिविधियाँ बढ़ रही है, जिसका प्रभाव ग्लोबल लेवल पर पड़ रहा है। इसलिए इसे रेगुलेट किया जाना आवश्यक है। वितमंत्री के इस बयान से स्प्ष्ट है कि भारत का नजरिया क्रिप्टो को लेकर काफी नकारात्मक है। जिसके चलते ही अब तक देश में क्रिप्टो को पूरी तरह से अपनाया नहीं जा सका है न ही कोई कानून लाया गया है। 

RBI भी है क्रिप्टो के खिलाफ 

भारत सरकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को तो तेजी से अपना रही है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की अस्थिरता के कारण इसे लेकर आपत्तियां बरकरार रखती है। इसके अलावा देश की सेन्ट्रल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) भी क्रिप्टो को लेकर हमेशा से ही विरोध में रही है। 2018 में RBI ने क्रिप्टोकरंसी पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। जिसके बाद 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने RBI के सर्कुलर को खारिज करते हुए क्रिप्टोकरंसी पर से बैन हटा दिया था। हालंकि RBI इसके बाद भी क्रिप्टोकरंसी के खिलाफ समय-समय पर अपना बयान जारी करता रहता है। 

वितमंत्री के इस बयान से क्रिप्टो को लेकर भारत सरकार का नकारात्मक रुख सामने आता है। जिसका प्रभाव भारतीय क्रिप्टो स्पेस में देखने को मिल सकता है। इससे भारतीय निवेशकों का क्रिप्टो को लेकर विश्वास कम हो सकता है। जिसका खामियाजा भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को भुगतना पड़ सकता है। इसके साथ ही अब भारत में क्रिप्टो का भविष्य भी खतरे में नजर आ रहा है। जहाँ देश में क्रिप्टो एडॉप्शन तेजी से बढ़ रहा है वहां सरकार की और से क्रिप्टो को लेकर इस तरह का बयान आना किसी बड़े फेरबदल का संकेत देता है।   

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