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मौसम की भविष्यवाणी के लिए अब भारत लेगा AI की मदद

महत्वपूर्ण बिंदु
  • भारत मौसम की भविष्यवाणी को बेहतर बनाने के लिए उन्नत जलवायु मॉडल तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करने के लिए एक वेंचर शुरू कर रहा है।
  • IMD लू जैसी स्थिति और मलेरिया जैसी बीमारी के प्रकोप के लिए सार्वजनिक अलर्ट बनाने में मदद करने के लिए पहले से ही AI का उपयोग कर रहा है।
  • इसके अलावा दुनिया भर की वेदर एजेंसियां ​​AI पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जो लागत को कम कर सकती है और गति में सुधार कर सकती है।
25-Dec-2023 By: Shailja Joshi
मौसम की भविष्यवाणी क

अब भारत को बाढ़ और सूखे से बचाएगा AI, देगा वेदर फोरकास्ट

भारत एक मिश्रित जलवायु वाला देश है जहाँ विभिन्न मौसम में यहाँ मूसलाधार बारिश, बाढ़ और सूखे जैसी समस्याएँ सामने आती रहती है। इस साल ख़राब मौसम के कारण लगभग 3,000 लोगों की जान गई है। इसी समस्या से निपटने के लिए भारत मौसम की भविष्यवाणी को बेहतर बनाने के लिए उन्नत जलवायु मॉडल तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करने के लिए एक वेंचर शुरू कर रहा है। 

कम लागत पर फोरकास्ट बढ़ाने के लिए होगा AI का उपयोग

दरअसल इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) को उम्मीद है कि AI-बेस्ड क्लाइमेट मॉडल और सलाह से पूर्वानुमान को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, खासकर बाढ़ और सूखे जैसी गंभीर मौसम स्थितियों के लिए। वर्तमान में, IMD मैथमेटिकल मॉडल और सुपर कंप्यूटर से फोरकास्टिंग करता है। लेकिन अब AI इंटीग्रेशन से हायर-क्वालिटी और कम खर्च में वेदर डेटा उत्पन्न किया जा सकता है।

हालाँकि IMD लू जैसी स्थिति और मलेरिया जैसी बीमारी के प्रकोप के लिए सार्वजनिक अलर्ट बनाने में मदद करने के लिए पहले से ही AI का उपयोग कर रहा है। इसके साथ ही IMD हाई-रिज़ॉल्यूशन फोरकास्टिंग डेटा के लक्ष्य के साथ ग्रामीण स्तर तक वेदर ऑब्ज़र्ववेटरी की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है। जिसके लिए सरकार ने AI की टेस्टिंग और उपयोग करने के लिए एक सेंटर की स्थापना भी की हैं। हालाँकि, विशेषज्ञ का कहना है कि वेदर फोरकास्टिंग में AI की क्षमताओं को इंटीग्रेट करने के लिए हाई-रिज़ॉल्यूशन डेटा की आवश्यकता होगी। 

भारत जैसे विविध मौसम पैटर्न वाले देश में सटीक वेदर फोरकास्टिंग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके 1.4 बिलियन निवासी सूखे, लू और तीव्र बाढ़ से तेजी से हर साल प्रभावित होते है। चावल, गेहूं और चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में भारत दुनिया के एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन में भी प्रमुख भूमिका निभाता है। 

इसके अलावा दुनिया भर की वेदर एजेंसियां AI पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जो लागत को कम कर सकती है और गति में सुधार कर सकती है, इसके लिए ब्रिटेन के मौसम कार्यालय का कहना है कि यह मौसम की भविष्यवाणी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, हाल ही में Google द्वारा फंडेड मॉडल ने पारंपरिक तरीकों से बेहतर प्रदर्शन किया है। पहले से ही, वेदर फोरकास्टिंग के लिए ब्लॉकचेन और क्रिप्टो जैसी उभरती टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है।

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व्हाट यूअर ओपिनियन
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