Google Assistant, Google की अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैट सर्विस, Bard को अपनी प्रतिक्रियाओं में जल्द ही शामिल करेगा। आपको बता दें कि Google Assistant एक AI सॉफ़्टवेयर है जिसका उपयोग Google Home डिवाइस जैसे Nest Mini या Nest Hub में किया जाता है। यह Android फोन और टैबलेट पर भी उपलब्ध है। दूसरी ओर Bard, Google का ब्राउज़र-आधारित AI चैट प्रोग्राम है जो OpenAI के ChatGPT के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बनाया गया है। Bard एक नया AI प्रोग्राम है। यह कई ऐसे काम कर सकता है जो Google Assistant नहीं कर सकता। उदाहरण के लिए, यह बायोडाटा के लिए एक कवर लेटर तैयार कर सकता है, कंप्यूटर कोड बना सकता है, एक निबंध लिख सकता है, इतिहास या गणित के बारे में जटिल सवालों के जवाब दे सकता है और यूजर के संकेतों के आधार पर कई अन्य कार्य कर सकता है। इसके विपरीत, Google Assistant केवल बहुत सरल प्रश्नों के उत्तर ही दे सकता है।
Google ने इसकी घोषणा अपने सार्वजनिक कार्यक्रम Made by Google में कि है, जिसमें नए अपग्रेड की जानकारी दी गई है। Google ने कहा कि Bard Assistant अनुमति मिलने पर यूजर के ईमेल तक पहुंच सकता है, जिससे वह यूजर के ईमेल अकाउंट को सॉर्ट कर सकता है और उसकी सामग्री पर रिपोर्ट कर सकता है। यह यूजर के लिए छुट्टियों की योजना बनाने, Google Docs का उपयोग करके डाक्यूमेंट्स लिखने और SMS टेक्स्ट संदेश लिखने में भी सक्षम होगा। इसके अलावा Bard कि मदद से assistant इमेज को भी इनपुट के रूप में स्वीकार करने में सक्षम होगा। उदाहरण के लिए, कोई यूजर एक इमेज अपलोड कर सकता है और Google Bard assistant से इसके लिए एक कैप्शन बनाने के लिए कह सकता है।
हालाँकि अभी तक Google ने कोई सटीक तारीख नहीं बताई कि इसे कब रिलीज़ किया जाएगा लेकिन दावा किया है कि अभी इसका परीक्षण किया जा रहा है। Google, OpenAI और Microsoft से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आक्रामक रूप से AI में सुधार कर रहा है। इसने 10 मई को चुनिंदा देशों में Google Bard जारी किया था। AI पर European Union के सख्त नियमों के बावजूद, 14 जुलाई को इसने European Union के सदस्य देशों तक Bard की पहुंच का विस्तार किया। इसके साथ ही Google और उसकी फिलैंथरोपिक आर्म Google.org ने Digital Futures Project लॉन्च किया है। Digital Futures Project को AI टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करने के लिए एक अच्छी पहल माना जा रहा है। Google का ऐसा मानना है कि इस प्रोजेक्ट के इस्तेमाल से रिसर्च करने में आसानी होगी।
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