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RBI ने इंटर-बैंक बोर्रोविंग के लिए CBDC पायलट प्रोग्राम किया शुरू

महत्वपूर्ण बिंदु
  • Reserve Bank of India ने इंटर-बैंक बोर्रोविंग के लिए एक होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) पायलट प्रोग्राम शुरू किया है।
  • वर्तमान में RBI इंटरऑपरेबिलिटी सहित डिजीटल रूपये के विभिन्न पहलुओं पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
  • RBI रेगुलेटरी डेवलपमेंट के संबंध में भी विभिन्न विनियमित संस्थाओं के लिए Self-Regulatory Organization (SRO) नॉर्म्स को पेश करने की भी योजना बना रहा है।
20-Oct-2023 By: Deeksha
RBI ने इंटर-बैंक बोर

इंटर-बैंक बोर्रोविंग के लिए RBI ने CBDC पायलट प्रोग्राम किया शुरू

Reserve Bank of India ने इंटर-बैंक बोर्रोविंग के लिए एक होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) पायलट प्रोग्राम शुरू किया है। सेंट्रल बैंक ने पहले होलसेल CBDC का परीक्षण करने की अपनी योजना की घोषणा की थी, जिसका पायलट प्रोग्राम अभी तक चल रहा है। पायलट प्रोग्राम में 9 प्रमुख लेंडिंग बैंक शामिल हैं, जो पहले से ही गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (g-sec) पायलट प्रोग्राम का हिस्सा हैं। इन बैंकों में State Bank of India, Bank of Baroda, Union Bank of India, HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, Yes Bank, IDFC First Bank और HSBC बैंक शामिल हैं। इसके साथ ही RBI ने सेकेंडरी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रांजेक्शन के निपटान के लिए नवंबर 2022 में एक होलसेल CBDC पायलट पेश किया था।

पायलट प्रोग्राम्स का लक्ष्य यूजर्स के व्यवहार का विश्लेषण करना

वर्तमान में RBI इंटरऑपरेबिलिटी सहित डिजीटल रूपये के विभिन्न पहलुओं पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। सेंट्रल बैंक का कहना है कि अक्टूबर से लेकर नवंबर तक पर-डे करेंट रेट के बेस पर 18,000-20,000 ट्रांजेक्शन बढ़ने की संभावना है। इसी के साथ इन पायलट प्रोग्राम्स का लक्ष्य यूजर्स के व्यवहार का विश्लेषण करना भी है, जो CBDC के डिजाइन किए गए ऑप्शन्स और फ्रेमवर्क को प्रभावित करेगा। इसके अलावा इन पायलट प्रोग्राम का प्राइमरी टारगेट किसी भी इंडिविजुअल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को बिना किसी खतरे में डाले इसे और अधिक सुविधाजनक बनाना है, जिससे यूजर्स आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकें। बता दें कि CBDC की पहल के अलावा, 17 अगस्त को RBI ने सीमलेस क्रेडिट के लिए पब्लिक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था। इस प्लेटफॉर्म को लैंडर से काफी सराहना मिली है और इस पर लैंडर्स ने अपनी रूचि भी व्यक्त की है।  

SRO नॉर्म्स को भी पेश करने की योजना बना रहा है RBI

RBI लगातार डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए नए-नए इनोवेशन कर रहा है। CBDC पहल के साथ RBI रेगुलेटरी डेवलपमेंट के संबंध में भी विभिन्न विनियमित संस्थाओं के लिए Self-Regulatory Organization (SRO) नॉर्म्स को पेश करने की भी योजना बना रहा है। इन SRO नॉर्म्स को 2023 की समाप्ति तक लागू किए जाने की संभावना है। वहीं Crypto से जुड़े नियम क्षितिज पर हैं और RBI, Crypto से जुड़े नियम बनाने को लेकर Organizations से चरणबद्ध तरीके से संपर्क कर रहा है, जिसमें प्राथमिकता SRO मैकेनिज्म की स्थापना करना है। 

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