Ripple Labs और UK बेस्ड फिनटेक फर्म GCC Exchange के बीच लंबे समय से चल रहा कानूनी विवाद अपने कन्क्लूजन पर पहुंच गया है, क्योंकि दोनों पक्षों ने प्राइवेसी कॉम्प्रोमाइज का विकल्प चुना है। यह असहमति, जो कि शुरूआत में क्रिप्टोकरेंसी कम्युनिटी में चिंता का कारण बनी है, XRP ट्रांसफर से संबंधित दायित्वों के नॉन-पेमेंट के आस-पास घूमती है।
कानूनी लड़ाई तब शुरू हुई जब Ripple की सिंगापुर ब्रांच ने पिछले जुलाई में प्रोसीडिंग को शुरू किया था, जिसमें GCC Exchange पर 2022 सप्लाई कॉम्प्रोमाइज के तहत किए गए 40,000 से अधिक XRP ट्रांसफर के लिए चालान का निपटान करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया था। वहीं कुल €13.8 मिलियन या लगभग $15 मिलियन के विवादित लेनदेन ने दोनों संस्थाओं के बीच संविदात्मक संबंधों पर सवाल उठाए गए थे। #Ripple की शिकायत GCC Exchange द्वारा कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन पर केंद्रित है, जिसमें कहा गया है कि वापस ली गई XRP यूनिट्स के चालान का पेमेंट नहीं किया गया था। वहीं लीगल प्रोसिडिंग में नॉन-पेमेंट की वजह से हुए लेट फ़ीस के लिए मुआवजे की मांग भी गई, जिससे विवाद में और अधिक जटिलता उत्पन्न हुई।
हालिया समझौता Ripple Labs और GCC एक्सचेंज दोनों के लिए एक सकारात्मक कदम का संकेत देता है। कानूनी मामला अब बंद होने के साथ, कंपनियां संभावित रूप से इस प्रकरण को पीछे छोड़ सकती हैं और अपना ध्यान भविष्य के प्रयासों पर केंद्रित कर सकती हैं। GCC एक्सचेंज के निदेशक Yash Rajesh ने हाल ही में एक इंटरव्यू में समाधान की पुष्टि करते हुए कहा, “GCC Exchange UK Ltd ने Ripple के साथ विवाद को सुलझा लिया है। पार्टियों ने दायित्व स्वीकार किए बिना एक कॉन्फिडेंटल सेटलमेंट एग्रीमेंट किया है। हालाँकि सेटलमेंट की बारीकियों का खुलासा नहीं किया गया है, यह खबर $XRP कम्युनिटी के बीच फ़ैल चुकी है। "WrathofKahneman" सहित प्रमुख हस्तियों ने लीगल टेंशन्स के बाद एक नई शुरुआत की संभावना को स्वीकार करते हुए डेवलपमेंट पर प्रकाश डाला है। इस सेटलमेंट से XRP की कीमत में भी तेजी देखने को मिल सकती हैं।
Ripple Labs और GCC एक्सचेंज के बिच चल रहे विवाद का तो निष्कर्ष निकल गया हैं, लेकिन अभी भी Ripple Labs लीगल चैलेंजेस का सामान करना पड़ रहा हैं। दिसंबर 2020 से Ripple, US सेक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के साथ एक लम्बी कानूनी लड़ाई में उलझी हुई है। Coin Gabbar के अनुसार ब्रॉडर रेगुलेटरी डिस्प्यूट पर जो भी फैसला आएगा उसका क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री में Ripple की स्थिति पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
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