वर्तमान समय में जहां AI के कारण नई टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है वहीँ इसके हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिल रहे है खासकर DeepFake वीडियोज के रूप में, जिसका शिकार हर इंडस्ट्री के लीडर्स भी हो रहे है। इसमें क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े सेलिब्रिटी इन्फ्लुएंसर्स और टेक लीडर्स सबसे ज्यादा इसका शिकार हो रहे है। हाल ही में Ethereum के को-फाउंडर Vitalik Buterin एक बार फिर Deepfake टेक्नोलोजी का शिकार हो गये है। इस वीडियों में Buterin किसी फिशिंग वेबसाइट का विज्ञापन करते दिखाई दे रहे है। यह पहला मामला नहीं है जब Ethereum के को-फाउंडर किसी Deepfake स्कैम का शिकार हुए है, इससे पहले सितंबर में भी Buterin एक Deepfake वीडियो में एक नए मीम टोकन का समर्थन करते दिखाई दिए थे।
यह पहली बार नहीं है जब क्रिप्टो कम्युनिटी की किसी बड़ी हस्ती DeepFake स्कैम का शिकार हुई है। इससे पहले भी Microstrategy के एक्जिक्यूटिव चेयरमेन Michael Saylor और Ripple के CEO Brad Garlinghouse जैसे लोग Deepfake का शिकार हुए है। इसके अलावा FTX के फाउंडर Sam Bankman-Fried, X मालिक elon musk और ऑस्ट्रएलियन बिजनेसमैन Andrew Forrest का भी एक डीपफेक वीडियो सामने आया था। इन वीडियो में अक्सर ऑडियंस को किसी योजना या फेक वेबसाइट के लिए आकर्षित किया जाता है, या इनवेस्टमेंट के अवसरों का दावा करके फेक एड्रेस पर क्रिप्टोकरंसी भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता हैं।
क्रिप्टो कम्युनिटी में deepfake टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग बढ़ रहा है। Deepfakes टेक्नोलॉजी में नकली प्रचार करने या गलत सूचना फैलाने के लिए प्रसिद्ध व्यक्तियों के नकली वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग बनाने के लिए AI का उपयोग किया जाता है। क्रिप्टो इंडस्ट्री में ऐसे कैंपेन बढ़ते जा रहे है। Deepfake स्कैम्स के बढ़ने से क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है, जिसकी वजह से निवेशकों का भरोसा कम हो रहा है और निवेश में भी कमी आ रही है। जैसे-जैसे Deepfake टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे स्कैमर्स धोखा देने के लिए क्रिप्टो इंडस्ट्री के लीडर्स की विश्वसनीयता का फायदा उठा रहे है। deepfakes के बढ़ते जोखिम क्रिप्टो स्पेस में साइबर रिस्क को बढ़ाते है। ऐसे स्कैम को रोकने के लिए यूज़र्स और निवेशकों को सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है।
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