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क्या होगा अगर Bitcoin बन जाए ग्लोबल लीगल करंसी

महत्वपूर्ण बिंदु
  • वर्तमान में क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन की दिशा में दुनियाभर के देश मिलकर प्रयास कर रहे हैं, जिससे जुड़ा एक प्रेसिडेंसी नोट भारत जारी कर चुका है।
  • जहाँ सभी देश एक ऐसे क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर विचार कर रहे है जो G20 देशों के साथ नॉन-G20 देशों को भी मान्य हो।
  • अगर सभी देश एक क्रिप्टो फ्रेमवर्क पर तैयार हो जाए और लीगल करंसी के रूप में Bitcoin को मान्यता मिल जाए, तो रातोरात BTC का वॉल्यूम बढ़ सकता है।
22-Aug-2023 By: Rohit Tripathi
क्या होगा अगर Bitcoi

ग्लोबल लीगल करंसी के रूप में Bitcoin को मिल जाए मान्यता

क्रिप्टोकरंसी का इतिहास काफी पुराना है, जहाँ पहली क्रिप्टोकरंसी Bitcoin को माना जाता है, जिसे 2009 में Satoshi Nakamoto द्वारा क्रिएट किया गया था। आज यह सबसे महंगी और लोकप्रिय करंसी है। एक समय में यह करीब $65000 के आंकड़े को भी पार कर चुकी थी। जिसके बाद से इस करंसी के प्रति लोगों का भरोसा और भी ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन क्या हो अगर Bitcoin को ग्लोबली एक लीगल करंसी के तौर पर मान्यता मिल जाए। अगर ऐसा होता है तो सबसे पहले BTC के वॉल्यूम में तेजी आएगी, जिससे इसकी कीमतों में भी बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। हो सकता है कि यह अपने आल टाइम हाई को भी पीछे छोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित करे। अगर यह कम्युनिटी द्वारा सोचे गए $100000 के आंकड़े को भी छु ले तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। जिससे क्रिप्टो मार्केट की अन्य क्रिप्टो करंसिज को भी सपोर्ट मिलेगा और क्रिप्टो मार्केट का मार्केट कैप भी बढ़ सकता है। हालाँकि यह एक अनुमान है, लेकिन ग्लोबली क्रिप्टो रेगुलेशन को उठाए जा रहे कदम तो इसी तरह के संकेत देते हैं। 

पूरी दुनिया पर होगा Bitcoin का वर्चस्व 

अगर Bitcoin ग्लोबल लीगल करंसी बन जाता है तो, पूरी दुनिया में एक ऐसी करंसी का वर्चस्व होगा जो कि डिसेंट्रलाइज्ड होगी, जिसमें किए गए ट्रांजेक्शन ब्लॉकचेन जैसी सिक्योर टेक्नोलॉजी में रहेंगे। इसके साथ ही यह डॉलर पर सभी देशों की निर्भरता को कम कर देगी। यह उन गरीब देशों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार करेगी, जो वर्तमान में चरमराई हुई अर्थव्यवस्था के कारण भुखमरी की कगार पर पहुँच गए है। हालांकि यह एक टेडी खीर है, क्योकि El Salvador जैसे कुछ एक देशों को छोड़ दिया जाए तो, वर्तमान में कोई भी देश Bitcoin को लीगल करंसी नहीं बना पाया है। इसके पीछे का मुख्य कारण क्रिप्टोकरंसी के रेगुलेशन में आ रही विभिन्न समस्याएँ हैं। फिलहाल विभिन्न देशों की सरकारे क्रिप्टो रेगुलेशन की दिशा में कानून लाने पर काम कर रही है। G20 देश भी इसपर अपनी प्रतिबद्धता दर्शा चुके हैं। हाल ही में G20 की अध्यक्षता कर रहा भारत भी क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के लिए अपना प्रेसिडेंसी नोट जारी कर चुका हैं, जो इस बात की ओर इशारा करता है, कि भविष्य में ही सही लेकिन Bitcoin एक लीगल करंसी तो बन ही सकती है, जिसमें ट्रांजेक्शन को ग्लोबली स्वीकार भी किया जा सकता है। 

Bitcoin है सबसे पुरानी क्रिप्टोकरंसी, SEC भी फेवर में

Bitcoin की एक ग्लोबल लीगल करंसी बनने की उम्मीद इसलिए भी की जा सकती है, क्योंकि यह सबसे पुरानी क्रिप्टोकरंसी है। साथ ही इस क्रिप्टोकरंसी को Elon Musk जैसे बड़े बिजनेसमैन के साथ-साथ अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार Vivek Ramaswamy और  Robert F. Kennedy Jr. का समर्थन भी मिल चुका हैं। इसके साथ ही क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करने वाला अमेरिका का सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) भी अपने अधिकारिक बयानों में Bitcoin को सपोर्ट कर चुका है। अपने बयान में SEC बार-बार इस बात पर जोर देता रहा है कि Bitcoin के अलावा सभी करंसिज सिक्योरिटी हैं। 

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