FED यानी फेडरल रिज़र्व सिस्टम, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के सेंट्रल बैंक का एक सिस्टम है। FED का कार्य अमेरिका को अच्छी मोनेटरी पॉलिसी प्रदान करना और देश की अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित रूप से बनाए रखना है। FED का गोल, फाइनेंसियल सिस्टम को फ्लेक्सिबल, स्टेबल और सेफ रखना है। अमेरिका में फ़ेडरल रिज़र्व बैंक ही देश के मोनेटरी पॉलिसी से जुड़े मुख्य कार्य की देखरेख करता है। फेडरल रिज़र्व सिस्टम का प्रभाव देश की फाइनेंसियल कंडीशन के साथ-साथ क्रिप्टो मार्केट पर भी पड़ता है।
FED मीटिंग्स को FOMC कहा जाता है जिसका मतलब Federal open market committee meeting है। FOMC मीटिंग्स, देश से जुडी फाइनेंसियल टॉपिक्स पर चर्चा करने एवं इससे जुडी देश में होने वाली समस्याओ का निवारण करने हेतु की जाती है। FED, FOMC मीटिंग्स होने के 3 सप्ताह पहले मीटिंग के एजेंडा की घोषणा कर देता है। वैसे तो FOMC मीटिंग्स अमेरिका की फाइनेंसियल और आर्थिक कंडीशन में सुधार के लिए की जाती है, लेकिन माना जाता है FOMC मीटिंग्स का प्रभाव दुनिया भर में पड़ सकता है। यह बात नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकते की FOMC मीटिंग्स क्रिप्टो मार्केट पर भी प्रभाव डालती है। क्रिप्टोकरंसी को inflation resistant asset माना जाता है, इसी वजह से फेडरल रिज़र्व सिस्टम जैसे इंटरेस्ट रेट को बढाता है, तभी Fiat Money कम हो जाती है और इसका प्रभाव क्रिप्टो मार्केट में होने वाली इन्वेस्टमेंट में गिरावट का कारण बनता है। इंटरेस्ट रेट बढ़ने से निवेशको द्वारा इन्वेस्टमेंट से रूचि कम हो जाती है। इस FOMC मीटिंग्स का दूसरा पहलु भी है, जो क्रिप्टो मार्केट में वृद्धि का कारण बनता है। FED द्वारा इंटरेस्ट रेट बढ़ने के बजाये इंटरेस्ट रेट घटाए भी जाते है और उससे Fiat Money बढ़ जाता है, तभी निवेशको द्वारा इन्वेस्टमेंट से रूचि बढती नज़र आती है और क्रिप्टो मार्केट में तेज़ी दिखाई देती है। यही वजह है, जिससे FOMC मीटिंग्स होने से पहले भी क्रिप्टो मार्केट में बदलाव दिखाई देते है।
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