सेंट्रल बेस्ड डिजिटल करंसी अर्थात CBDC किसी देश के केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी की गई एक डिजिटल करंसी होती हैं, जिसको सीधे सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता हैं। अर्थात किसी देश की CBDC उस देश की सरकार के आधीन होती हैं। जबकि Bitcoin एक डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करंसी है, जिसके निर्माण के पीछे कि सोच ही यही थी कि, एक ऐसी करंसी का निर्माण किया जाए, जो सेंट्रलाइज्ड ना हो एवं पूरी तरह से सिक्योर हो। इसकी यह अनोखी विशेषता इसे अन्य करंसी से अलग बनाती हैं।
ऐसे में जब भी सवाल उठता हैं कि क्या Bitcoin को कोई अन्य करंसी रिप्लेस कर सकती हैं, तो उसका साफ़ शब्दों में जवाब होगा, नहीं। बता दे कि BTC का निर्माण ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से किया गया हैं, साथ ही साथ इसकी सिमित आपूर्ति हैं। जबकि CBDC किसी देश की सरकार द्वारा जारी की जाती हैं, जिनकी आपूर्ति का सिमित होना मुश्किल है। ऐसे में CBDC का Bitcoin को रिप्लेस करना असंभव ही नजर आता हैं।
CBDC कुछ मामले में Bitcoin के साथ में कॉम्पटीशन जरूर कर सकती हैं। उदहारण के लिए CBDC का उपयोग दैनिक जीवन के लेनदेन के लिए किया जा सकता हैं, जबकि Bitcoin का उपयोग इन्वेस्ट या स्टोर ऑफ़ वेल्यू के लिए किया जाता हैं।
अगर CBDC, Bitcoin की तुलना में अधिक सिक्योर और सुविधाजनक बनाई जाती है, तो यह बड़ी संख्या में यूजर्स को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं। साथ ही साथ अगर विभिन्न देशों की सरकारें Bitcoin को अधिक सख्ती के साथ में रेगुलेट करने लगती है, तो इन्वेस्टर BTC के स्थान पर CBDC को अपना सकते हैं।
लेकिन किसी भी देश की सरकार का Bitcoin को लेकर सख्त होना मुश्किल ही नजर आता हैं, क्योंकि वर्तमान में US जैसे देश की रेगुलेटरी भी Bitcoin को करंसी मान चुकी हैं, जबकि वहां लगातार क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज पर कार्रवाई हो रही है तथा अन्य करंसी को सिक्योरिटीज माना जा रहा हैं। हो सकता है कि आने वाले समय में दुनियाभर की सरकारें क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन की दिशा में कुछ दिशानिर्देश भी जारी कर दे। ऐसे में CBDC का Bitcoin को टक्कर दे पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं।
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