सस्ता टोकन का दावा करें रिजर्व का प्रमाण

कहीं हुई बैन, तो कहीं हुई लीगल, उतार-चढ़ाव भरा रहा क्रिप्टो का सफर

महत्वपूर्ण बिंदु
  • क्रिप्टोकरंसी का इतिहास 2009 से शुरू हुआ, जब Bitcoin को क्रिएट किया गया। जिसने निवेशकों को निवेश का एक नया विकल्प उपलब्ध कराया।
  • 2009 से 2023 तक पूरे 14 सालों के सफर को पूरा कर चुकी क्रिप्टो आज भी एक ग्लोबल लीगल करंसी के रूप में मान्यता पाने का इन्तजार कर रही हैं।
  • क्रिप्टोकरंसी के इस सफ़र में कुछ देशों ने कई बार क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाया, तो कुछ ने इसे अपनी लीगल करंसी का ही दर्जा दे दिया।
28-Dec-2023 Rohit Tripathi
कहीं हुई बैन, तो कहीं हुई लीगल, उतार-चढ़ाव भरा रहा क्रिप्टो का सफर

2009 में Bitcoin के साथ शुरू हुआ था क्रिप्टोकरंसी का सफ़र 

वैसे तो 2008 में Satoshi Nakamoto के द्वारा Bitcoin व्हाईट पेपर जारी करने के साथ ही क्रिप्टोकरंसी के सफ़र की शुरुआत मानी जाती हैं। लेकिन क्रिप्टोकरंसी ने लोकप्रियता तब हांसिल हुई जब पहली बार इससे पिज्जा ख़रीदा गया था। यह वह समय था जब लोगों को डॉलर, रूपए, युआन, दीनार, जैसी अन्य करंसी के अलावा क्रिप्टोकरंसी के विषय में भी पता चला। खेर यह तो केवल क्रिप्टोकरंसी के सफर की शुरुआत थी, जिसमें कई बड़े ट्विस्ट ने टर्न आये। जहाँ साल 2015 तक केवल Bitcoin ही एकमात्र क्रिप्टोकरंसी थी, लेकिन वर्ष 2013 में प्रोग्रामर Vitalik Buterin की कल्पना ने क्रिप्टो मार्केट को दूसरी क्रिप्टोकरंसी Ethereum दी जो वर्ष 2015 में जारी की गई। समय बदलता गया और क्रिप्टो मार्केट में Solana, Polygon, Dogecoin, Shiba Inu और Bonk जैसी कई क्रिप्टोकरंसी आ गई और निवेशकों को ट्रेडिंग के कई ऑप्शन मिलें। बदलते समय के साथ क्रिप्टोकरंसी के साथ लोगों का जुड़ाव बढ़ता गया और हर क्रिप्टो टोकन की अलग-अलग कम्युनिटीज बन गई। धीरे-धीरे क्रिप्टोकरंसियों ने हर देश में अपने निवेशकों का एक बड़ा बेस बना लिया। इस बीच क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग के लिए कई एक्सचेंज भी बने, जिनमें Binance, Coinbase, FTX आदि शामिल हैं। बढ़ते निवेशक और यूजर्स के चलते क्रिप्टोकरंसी ने हर देश की सरकार का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित किया। जिसके बाद क्रिप्टोकरंसी के सफ़र की कठिन डगर की शुरुआत हुई। 

उतार-चढ़ाव और बाधाओं को क्रिप्टोकरंसी ने किया पार

क्रिप्टोकरंसी के विषय में जब विभिन्न देशों की सरकारों को जानकारी लगी, तो कुछ देशों ने तो सीधे तौर पर देश की जनता के लिए इसे खतरनाक बताते हुए बैन लगा दिया था। इनमें ज्यादातर बड़े देश थे, जिनमें चीन, चीन, हॉगकॉग, रूस जैसे बड़े देशों के नाम शामिल हैं। वहीँ जो देश बचे थे उन्होंने क्रिप्टोकरंसी पर इतने सख्त नियम बनाए थे, कि इनसे जुड़े ट्रेड करना या लेनदेन करना एक मुश्किल काम बन चुका था। इन देशों में दुनिया का सुपरपॉवर अमेरिका भी शामिल था। जिसने न तो क्रिप्टो को पूरी तरह से बैन किया और न ही पूरी तरह से अपनाया। भारत भी शुरुआत में क्रिप्टोकरंसी पर शांत नजर आया, लेकिन जब इसका यूजर बेस बढ़ा तो देश के केन्द्रीय बैंक RBI ने इसपर प्रतिबन्ध लगा दिया। हालाँकि देश की सबसे बड़ी न्याय संस्था सर्वोच्च न्यायालय ने RBI के फैसले में दखल दिया और क्रिप्टोकरंसी से प्रतिबन्ध हटा दिया। यह वह समय था जब क्रिप्टोकरंसी में निवेश को लेकर पूरी दुनिया उत्साहित थी। लेकिन लगातार होती कार्रवाही और देशों पर लगाए गए प्रतिबन्ध ने एक बार फिर लोगों के मन में एक डर का महौल उत्पन्न कर दिया। 

इस बीच El Salvador ने पूरी दुनिया को चौकाते हुए अपने देश में सबसे लोकप्रिय और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरंसी Bitcoin को लीगल करंसी के रूप में मान्यता दे दी। हालाँकि होने को El Salvador एक छोटा देश था, लेकिन उसने लीगल करंसी के रूप में क्रिप्टो को अपनाकर क्रिप्टो के सफ़र को आसान कर दिया। बाद में El Salvador की तर्ज पर अफ़्रीकी देश Central African Republic (CAR) ने भी BTC को अपनी लिगल करंसी के रूप में मान्यता दी। धीरे-धीरे लोगों का भरोसा क्रिप्टोकरंसी पर और बढ़ता गया। फिर कुछ ऐसा घटा जिसने क्रिप्टोकरंसी में निवेश के प्रति उन लोगों को भी आकर्षित किया, जो अब तक क्रिप्टो मार्केट के बारे में सिर्फ जानते थे। हम बात कर रहे हैं इसी साल यानि 2023 की शुरूआत में हुए अमेरिका के 3 बड़े बैंक Silicon Valley Bank (SVB), Silvergate Bank और Signature Bank के कोलाप्ल्स की, जिसके चलते पारंपरिक निवेशक क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए आकर्षित हुए। अब समय आ गया था जब लोगों का भरोसा क्रिप्टोकरंसी पर अधिक हो गया। क्रिप्टो मार्केट में Bitcoin ETF और Etherume ETF के बारे में चर्चा शुरू हुई। जिनको अप्रूवल मिलने से पहले ही मार्केट में तेजी देखने को मिली और सभी क्रिप्टोकरंसिया तेजी दिखाने लगी। 

लेकिन एक सवाल अभी भी बना हुआ था, वह सवाल था क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन। जहाँ सभी देश क्रिप्टो रेगुलेशन पर एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने के लिए भारत की अध्यक्षता में साथ आये। इससे जुडी एक गाइडलाइन भी तय की गई, लेकिन अभी तक इसपर कोई पुख्ता काम नहीं हो सका है और 14 साल पूरे करने के बाद क्रिप्टोकरंसी आज भी एक ग्लोबल लीगल करंसी के रूप में मान्यता पाने का इन्तजार कर रही हैं। हालांकि निवेशक आने वाले साल से उम्मीद लगा रहे है कि 2024 में भी क्रिप्टोकरंसी मार्केट में इसी तरह तेजी जारी रहेगी और सभी क्रिप्टो करंसी अच्छा प्रदर्शन करेंगी। साथ ही क्रिप्टो रेगुलेशन की दिशा में कुछ न कुछ नया अपडेट सामने आएगा।

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व्हाट यूअर ओपिनियन
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