जहाँ कुछ लोग इसे भविष्य की टेक्नोलॉजी कह रहे है, तो कुछ इसे मानवता के लिए खतरा मान रहे है। हाल ही में Godfather of AI कहे जाने वाले Dr. Geoffrey Hinton के Google से इस्तीफा दिए जाने से इस बहस को और हवा मिल गई है।
मानवता का जब से जन्म हुआ, मनुष्य ने नित-नई टेक्नोलॉजी का विकास किया है, चाहे वह पत्थर से आग जलाना हो, या फिर वर्तमान में AI टेक्नोलॉजी को अपनाना हो। मानव ने सुई के निर्माण से लेकर हवाईजहाज का निर्माण किया है। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भी मानव के नवीनतम अविष्कारों में से एक है। लेकिन टेक्नोलॉजी के जानकारों द्वारा लगातार AI पर सवाल उठाते हुए, इसे बार-बार मानवता के लिए खतरा बताया जाना, आम लोगों के मन में एक सवाल उत्पन्न करता है, क्या सच में AI मानव जाती के लिए एक खतरा है।
क्या सच में यह मानव सभ्यता का सर्वनाश कर देगा। यह सवाल बीते काफी समय से विश्व भर में सुर्खिया बना हुआ है, लेकिन इस सवाल को हवा तब और भी ज्यादा मिल गई जब Godfather of AI के नाम से प्रसिद्ध Dr. Geoffrey Hinton ने Google में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बता दे कि Dr. Geoffrey Hinton, Google में मशीन लर्निंग एल्गोरिदम में कार्यरत एक विद्वान है, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में उनके द्वारा किये गए कार्यों के लिए Godfather of AI की उपाधि मिली है। उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए इसे मानवता के लिए खतरा बताया। अपने इस्तीफे के बाद Hinton ने AI से फ़ैल रही अफवाहों पर भी चिंता व्यक्त की।
Hinton पहले ऐसे व्यक्ति नहीं है जो AI को मानवता के लिए खतरा बता चुके हैं। इससे पहले Tesla के CEO Elon Musk भी इसी तरह के खतरे की आशंका जाहिर कर चुके हैं। हालाँकि AI से जुड़े खतरे की बात कहकर खुद Musk इससे जुड़े दो स्टार्टअप की शुरुआत कर चुके हैं। वहीँ IBM के CEO, Arvind Krishna भी AI के बारे में कह चुके हैं कि आने वाले 5 सालों में 30% जॉब्स ऑटोमेटेड हो सकती है। जहाँ एक तरफ उन्होंने AI को कर्मचारियों के लिए खतरा बताया, वहीँ दूसरी तरफ उन्होंने इसे टेक्नोलॉजी से जुड़े कर्मचारियों के लिए मददगार भी बताया। Google के CEO Sundar Pichai तो AI की तुलना परमाणु हथियार से कर चुकें हैं।
वर्तमान में AI को लेकर बहस बढ़ चुकी है। लगातार टेक एक्सपर्ट इस पर अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं। कुछ इसे खतरनाक बता रहे है, तो कुछ इसे आने वाले भविष्य की टेक्नोलॉजी कह रहे हैं। ऐसे में सम्पूर्ण बात से निष्कर्ष तो यहीं निकलता है कि AI भी उन नई टेक्नोलॉजी की तरह ही है, जो मानव द्वारा विकसित है। आज से पहले जब सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म Facebook, Twitter, Whatsapp आदि का विकास हुआ था, तब भी कुछ लोग इन्हें मानवता के लिए खतरा बताते थे।
लेकिन समय के साथ इसने मानव के जीवन को आसान ही बनाया। आज दुनिया के एक कोने पर बैठा आदमी दुनिया के दुसरे कोने पर बैठे व्यक्ति से आसानी से बात कर सकता है। कुछ ऐसा ही संदेहपूर्ण विचार टेलिफोन के आविष्कार, इलेक्ट्रिसिटी के आविष्कार, हवाईजहाज के आविष्कार, यहाँ तक कि वर्तमान में लोकप्रिय ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के लिए भी था। लेकिन समय के साथ, इन सभी आधुनिक टेक्नोलॉजी ने मानव जीवन को सुखद बनाने के लिए ही योगदान किया है। ऐसे में हो सकता है कि जिस AI को खतरा बताया जा रहा हो वह आने वाले भविष्य के लिए फायदेमंद हो। क्योंकि हर टेक्नोलॉजी शुरुआत में अपने साथ में कुछ जोखिम लेकर आती है, लेकिन समय के साथ मानव द्वारा, उसमें आने वाले जोखिमो का समाधान निकाल लिया जाता है। कुल मिलाकर आप यह कह सकते है कि मानव निर्मित किसी भी वस्तु या टेक्नोलॉजी की समझ मानव से ज्यादा हो यह केवल एक कोरी कल्पना है। किसी न किसी तरह उस नविन टेक्नोलॉजी में मानव हस्तक्षेप तो होगा ही। खेर AI से जुड़े परिणाम समय आने पर सबके सामने आ ही जाएंगे तथा यह भी पता चल जाएगा कि यह मानव के लिए एक श्राप है या वरदान।
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