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सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में Jobs क्रिएट कर सकता है AI

महत्वपूर्ण बिंदु
  • ChatGPT जैसे Artificial Intelligence (AI) टूल्स के निर्माण के साथ सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग बढ़ी हैं।
  • जिससे अब सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में इन चिप्स के निर्माण से जुड़े लोगों की आवश्यकता भी बढ़ने लगी है।
  • AI Chips की बढ़ती मांग से आने वाले समय में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में Jobs में वृद्धि हो सकती है।
01-Mar-2024 By: Rohit Tripathi
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्र

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में Jobs की भरमार ला सकता है AI

वर्तमान समय में AI से जुड़े सिस्टम का तेजी से विकास हो रहा है, जिसके बाद ऐसे टूल्स का निर्माण होने लगा है जो न केवल ह्युमन के वर्कलोड को कम करते हैं, बल्कि कहीं-कहीं पर तो ये इंसानों की जगह भी लेने लगे हैं। AI का मनुष्य द्वारा किये जाने वाले कार्यों को करना उनकी Jobs के लिए खतरा पैदा कर रहा है, जिसे लेकर कई बार टेक इंडस्ट्री से जुड़े लोग आवाज भी उठा चुके हैं। लेकिन हाल ही में आई AI से जुड़ी एक पॉजिटिव रिपोर्ट से मनुष्य की जॉब को लेकर चल रही चिंता थोड़ी कम हो सकती है। दरअसल हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रो करते Artificial Intelligence (AI) स्पेस के चलते सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग में बढ़ोतरी देखी गई हैं। जिससे सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में इन चिप्स के निर्माण से जुड़े लोगों की आवश्यकता भी बढ़ने लगी है। 

विशेषज्ञ मानते हैं कि AI Chips की बढ़ती मांग आने वाले समय में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में Jobs में वृद्धि ला सकती है। बताते चले कि ChatGPT जैसे AI टूल्स को पॉवर देने के लिए Nvidia के AI चिप्स का उपयोग किया जाता है। इन AI चिस्प या सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण में Nvidia सबसे अग्रणी हैं। जिसके चलते कंपनी की हाई-एंड चिप्स की मांग में तेजी से वृद्धि हुई हैं। हालाँकि Nvidia अकेला इस फिल्ड में काम नहीं कर रहा, बल्कि IBM, Intel और AMD भी इस इंडस्ट्री के प्रमुख प्लेयर है। वहीँ अब OpenAI और Meta जैसी बड़ी टेक कम्पनियां भी इस इंडस्ट्री में उतर चुकी हैं। ऐसे में बढ़ती सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग से सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में चिप डिज़ाइनर्स, मैन्युफैक्चरर्स और सप्लायर्स की मांग में वृद्धि हो सकती हैं। 

50 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है AI चिप्स का मार्केट 

जनवरी 2024 में जारी Deloitte की एक रिपोर्ट के अनुसार AI चिप्स की मांग के चलते सेमीकंडक्टर चिप की बिक्री वर्ष 2024 में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार 2022 में जो AI चिप मार्केट शून्य पर था वह बढ़कर 2024 में करीब 50 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। फर्म की रिपोर्ट की माने तो आने वाले 2 से 3 सालों में AI चिप मार्केट पूरे चिप मार्केट का 50% हो सकता है। यानी आने वाले समय में AI चिप्स से जुड़े वर्कफ़ोर्स की मांग में एक बड़ी वृद्धि देखने को मिल सकती हैं। 

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सरकार फोन, पिकअप ट्रक और वॉशिंग मशीन जैसे वस्तुओं को पॉवर देने वाली चिप्स का प्रोडक्शन अमेरिका में फिर से शुरू करने पर विचार कर रही हैं, जिसके लिए सरकार बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही हैं। 2023 में जारी एक रिपोर्ट में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन ने इस बात का अनुमान लगाया था कि वर्ष 2030 तक अमेरका में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का वर्कफोर्स लगभग 115,000 तक बढ़ सकता है। 

Coin Gabbar की माने तो अकेले अमेरिका ने ही सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में ग्रोथ नहीं की है, बल्कि भारत भी तेजी के साथ इस स्पेस में ग्रोथ कर रहा हैं। वर्तमान में भारत में कई ऐसी टेक कम्पनियां है जो सेमीकंडक्टर के निर्माण की दिशा में लम्बे समय से काम कर रही हैं, इन कम्पनियों में Tata Elxsi Ltd, ASM Technologies Ltd, SPEL Semiconductor Ltd, Moschip Technologies Ltd, Dixon Technologies Ltd, HCL Technologies Ltd, और Vedanta Limited प्रमुख हैं। वर्तमान में ChatGPT, Gemini, Grok और BharatGPT जैसे AI टूल्स के विकास ने इन भारतीय फर्म्स में भी AI चिप्स की मांग को बढ़ाया है, जो भारत में भी एक बड़े वर्कफ़ोर्स की रिक्वायरमेंट्स में बढ़ोतरी का संकेत हैं।  

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व्हाट यूअर ओपिनियन
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