वर्तमान में टेस्ट डिफिकल्टी एडजस्टमेंट के बाद में Bitcoin माइनिंग डिफिकल्टी 53.91 ट्रिलियन यूनिट्स पर पहुँच गई है, जो कि Bitcoin माइनिंग डिफिकल्टी का ऑल टाइम हाई हैं। लेकिन माइनिंग की यह डिफिक्लटी बड़े माइनर्स के लिए मौके की तरह हो सकती हैं। दरससल जब Bitcoin माइनिंग डिफिकल्टी बढ़ती है, तो ब्लॉकों के निर्माण का समय नियंत्रित होता है। Bitcoin माइनिंग की डिफिक्लटी में वृद्धि मीडियम और स्माल लेवल के माइनर्स के लिए माइनिंग को अधिक चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।
क्योंकि माइनिंग डिफिकल्टी के बढ़ने पर अधिक कम्प्यूटेशनल पॉवर और एनर्जी निवेश करने की आवश्यकता होती हैं, जिसके चलते संचालन लागत भी बढ़ जाती है। यह लागत इतनी जयादा अधिक होती है, जिसे वहन कर पाना स्माल और मीडियम लेवल के माइनर्स के लिए आसान नहीं होता। जिससे वे धीरे-धीरे माइनिंग से दूर हट जाते हैं। यह उन बड़े माइनर्स के लिए एक मौके की तरह है, इस दौरान बड़े माइनर्स को Bitcoin जमा करने में मदद मिल सकती है, जिससे माइनिंग सेल्स का प्रेसर कम हो सकता है।
Bitcoin माइनिंग डिफिकल्टी के अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुँचने पर जहाँ माइनर्स बिक्री कर रहे हैं, वहीं Bitcoin व्हेल्स इसके विपरत अपनी Bitcoin होल्डिंग में वृद्धि कर रहे है। एक ऑन चेन एनालिटिक्स फर्म की रिपोर्ट के अनुसार Bitcoin माइनिंग डिफिकल्टी के इस समय में Bitcoin व्हेल्स ने अपनी होल्डिंग में 2.15 बिलियन डॉलर की वृद्धि की हैं। इसके साथ ही एक्सचेंजों द्वारा रखा गया BTC 2017 के अपने स्तर से नीचे गिर गया है, जो इस बात को दर्शाता है की इन्वेस्टर BTC को एक्सचेंजों से मूव कर रहे हैं और Bitcoin की इलिक्विडिटी बढ़ रही है। जबकि व्हेल द्वारा Bitcoin होल्डिंग ने BTC के प्राइस को बढ़ा दिया है।
बता दे कि हाल ही में Bitcoin ने अपने पिछले एक वर्ष के हाई लेवल को पार किया है और यह $30000 के लेवल पर बना हुआ है। जहां BTC के पारम्परिक निवेशक इसकी कीमतों के और अधिक बढ़ने की बात कर रहे हैं। वहीँ क्रिप्टो मार्केट के जानकार भी मानते हैं कि वर्तमान में जो तेजी हैं वह स्पॉट Bitcoin ETF की फाइलिंग के कारण है।
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