अमेरिका में आने वाले साल में प्रेसिडेंट इलेक्शन होंगे, जिसके लिए कई सारे उम्मीदवार मैदान में उतर चुके हैं। इन उम्मीदवारों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump एक मुख्य दावेदार के रूप में वर्तमान राष्ट्रपति Joe Biden के सामने अपनी दावेदारी पेश कर रहे है। लेकिन अकेले Trump नहीं है जो जनता के मुद्दों के साथ में चुनावी रण में उतरें हों। Trump के साथ Robert F. Kennedy Jr., Florida के गवर्नर Ron DeSantis और भारतीय मूल के Vivek Ramaswamy भी इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। लेकिन इस चुनाव में सभी उम्मीदवार जिस एक कॉमन मुद्दे पर जनता के बीच उतरे हैं, वह है क्रिप्टोकरंसी या यूँ कहें Bitcoin। जहां Donald Trump अपनी NFT से लोकप्रियता हांसिल कर चुके हैं, वहीं Robert F. Kennedy Jr. और Vivek Ramaswamy अपने चुनावी कैम्पेन में डोनेशन के रूप में Bitcoin को स्वीकारने की बात कर चुकें हैं।
इस रेस में आगे निकलने के लिए हर कोई क्रिप्टोकरंसी का सहारा ले रहा है, यह बात तब और भी ज्यादा पुख्ता हो गई, जब Florida के गवर्नर Ron DeSantis ने एक कदम आगे बढ़ते हुए, राष्ट्रपति बन जाने पर Bitcoin को सुरक्षा प्रदान करने की घोषणा कर दी। इस तरह यह चुनावी संग्राम पूरी तरह से क्रिप्टोकरंसी के इर्दगिर्द घूमने लगा। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि राष्ट्रपति चुनाव में क्रिप्टोकरंसी केंद्र बिंदु बन गया। तो आपको बता दे कि वर्तमान सरकार द्वारा लगातार क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज के विरुद्ध कार्रवाई करके उन्हें परेशान किया जा रहा है। नतीजा यह है कि कई बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज अमेरिका से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं। जबकि अमेरिका में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। ऐसे में आने वाले चुनाव में क्रिप्टो निवेशकों को अपने पक्ष में करने के लिए उम्मीदवार लगातार क्रिप्टोकरंसी के लिए सकारात्मक बयान दे रहे हैं।
वर्तमान में क्रिप्टोकरंसी को लेकर अमेरिका में हालत काफी गंभीर है, Binance और Coinbase जैसे क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज लगातार क्रिप्टो रेगुलेटर्स की जांच के घेरे में हैं। क्रिप्टोकरंसी के जानकार मानते हैं कि अमेरिकी रेगुलेटर्स का रवैया बिलकुल भी क्रिप्टोकरंसी के पक्ष में नहीं है। कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज तो रेगुलेटर्स की कार्रवाई से पूरी तरह तंग आ चुके हैं और अमेरिका से बाहर अपने एक्सचेंज के संचालन की योजना बना रहे हैं। वहीँ वर्तमान राष्ट्रपति Joe Biden ने कभी भी Cryptocurrency से जुड़ा कोई बयान नहीं दिया है, वे हमेशा क्रिप्टोकरंसी से जुड़ा बयान देने से बचते दिखे हैं। ऐसे में राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल अन्य उम्मीदवारों को क्रिप्टोकरंसी के रूप में Joe Biden को घेरने का एक मजबूत हथियार मिल गया है। इसलिए कोई भी उम्मीदवार इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहता और अपनी हर सभा में इस मुद्दे को उठा रहा है। इस तरह क्रिप्टोकरंसी या फिर यूँ कहा जाए कि Bitcoin अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्शन में अपनी एंट्री मार चूका हैं।
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