आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस फर्म OpenAI ने अपने नए क्रिप्टो स्ट्रार्टअप Worldcoin के साथ भारत में काफी जोशीले अंदाज से एंट्री मारी थी। जहाँ यह भारत में अपनी विस्तार की निति के तहत ओर्ब-वेरिफिकेशन कर यूजर्स को अपना क्रिप्टो टोकन Worldcoin फ्री में दे रहा था। जिसके लिए भारतीय यूजर्स काफी ज्यादा उत्साहित थे। OpenAI के CEO Sam Altman उस समय भारत के Aadhaar बायोमेट्रिक ID सिस्टम से काफी प्रभावित थे और Worldcoin की ओर्ब-वेरिफिकेशन सर्विस की तुलना Aadhaar सिस्टम से कर रहे थे। यहाँ Altman का मानना था कि वे भारत में Aadhaar सिस्टम की तरह ही Worldcoin की ओर्ब-वेरिफिकेशन सर्विस के माध्यम से लोगों की आयरिस को स्कैन करके अपनी Worldcoin कम्युनिटी बनाएंगे। Worldcoin का लक्ष्य भारत में ही नहीं बल्कि ग्लोबल लेवल पर एक ID नेटवर्क स्थापित करने का था। लेकिन कुछ ही समय में Worldcoin ने अपनी ओर्ब-वेरिफिकेशन सर्विस को भारत में बंद करने की घोषणा कर दी। यहाँ Worldcoin ने भारत में रेगुलेटरी बाधाओं का हवाला देकर अपनी सर्विस को बंद करने की घोषणा की।
भारत में कुछ महीनों पहले ही Worldcoin ने हेलमेट के आकार के ऑय बॉल-स्कैनिंग डिवाइस को पेश किया था, जो भारत में अपनी सर्विस का विस्तार करने की Worldcoin की योजना थी। साथ ही प्लेटफ़ॉर्म से नए यूजर्स को जोड़ने के लिए Worldcoin ने भारत के कई हिस्सों में पॉप-अप कियोस्क खोले, साइन-अप करने पर मुफ्त टोकन की पेशकश की और अधिक कॉन्ट्रैक्टर्स की नियुक्ति भी की। लेकिन एकाएक भारत में क्रिप्टो रेगुलेटरी समस्याओं का हवाला देते हुए Worldcoin ने अपनी ओर्ब-वेरिफिकेशन सर्विस को बंद कर दिया। यहाँ यह सवाल उठा है कि आखिर क्या कारण रहे जिसके चलते Worldcoin ने अपनी ओर्ब-वेरिफिकेशन सर्विस को बंद किया। जिसका सीधा सा जवाब है कि Worldcoin अपनी ओर्ब-वेरिफिकेशन सर्विस की तुलना भारत सरकार के Aadhaar बायोमेट्रिक ID सिस्टम से करता रहा है। जबकि भारत सरकार इस सिस्टम को काफी सिक्योर मानती हैं, क्योंकि इस सिस्टम में किसी व्यक्ति की आयरिस को स्कैन करके उसके आधार कार्ड को बनाया जाता हैं। यह Aadhaar, यूजर्स के पर्सनल डेटा जैसे पैनकार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल्स और सभी जरुरी दस्तावेजों से लिंक होता है। यानी किसी की आयरिस को स्कैन कर उसके Aadhaar से जुड़े पर्सनल डेटा की जानकारी निकाली जा सकती हैं।
Worldcoin की मूल कम्पनी OpenAI के CEO Sam Altman, Aadhaar सिस्टम की तर्ज पर अपने Worldcoin के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए ऑय बॉल-स्कैनिंग डिवाइस के माध्यम से यूजर्स की आयरिस को ही स्कैन कर रहे थे। जो कि आने वाले समय में भारत के नागरिकों के पर्सनल डेटा की सिक्योरिटी लिए काफी खतरनाक हो सकता था। साथ ही यह सीधे तौर पर भारत सरकार की उन गाइडलाइंस का उल्लंघन भी था, जो उन्होंने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाई थी। इस तरह Worldcoin को भारत सरकार का साथ नहीं मिला और यह भारत में पूरी तरह से फेल हो गया। अंततः Worldcoin को भारत में अपनी ओर्ब-वेरिफिकेशन सर्विस को बंद करना पड़ा।
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