America के Federal Reserve के चेयरमैन Jerome Powell ने 19 अक्टूबर को कहा है कि बढ़ती Bond Yield से Fed की इकोनॉमी को धीमा करने में मदद मिल सकती है, जिससे इन्फ्लेशन में कमी आएगी और रेट्स में होने वाली बढ़ोत्तरी को कम करने के संकेत भी मिलेंगे। हालांकि Fed के चेयरमैन ने निश्चित रूप से इन्फ्लेशन पर जीत की घोषणा नहीं की है। इसी के साथ Powell का कहना है कि उन्होंने Fed की आगे की कार्रवाइयों की संभावना को मेज पर छोड़ दिया है। Powell का लक्ष्य Bond Yield से इन्फ्लेशन जैसी चिंताओं से निपटने और उन कार्यों से बचने के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी, जिनसे बेरोजगारी के बढ़ने और इकोनॉमी को अनावश्यक रूप से नुकसान पहुंचने की संभावना है। इतना ही नहीं Powell के द्वारा तैयार की गई स्ट्रेटजी अन्य Fed ऑफिसर्स की स्ट्रेटजी के साथ मेल खाती है, जिनका उद्देश्य इस संतुलन को बनाए रखना हैं।
Fed की 11 दरों में बढ़ोत्तरी के बाद भी जॉब मार्केट, इकोनिमक ग्रोथ और कन्ज्यूमर एक्पेंसेस सभी मजबूत बने हुए हैं। लेकिन वर्तमान में Israel और Hamas के बीच चल रहे संघर्ष पर चिंताएं ग्लोबल एनर्जी मार्केट्स को प्रभावित कर सकती हैं और आर्थिक दृष्टिकोण में अनिश्चतता को बढ़ा सकती है। फिलहाल फाइनेंशियल मार्केट Fed की रेट में बढ़ोत्तरी पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन दिसंबर में इसकी रेट पर रोक लगाने की संभावना है। इसी के साथ बढ़ती ट्रेजरी यील्ड, Israel और Hamas के बीच चल रहे युद्ध की चिंता और इन्फ्लेशन जैसी विपरित परिस्थितियों के बाद भी America की इकोनॉमी में लचीलापन बना हुआ है।
Powell द्वारा जारी किए गए हाल ही के बयानों से यह पता चलता है कि Federal Reserve, इकोनॉमी इंडिकेटर्स पर पूरी सावधानी के साथ नजर बनाए हुए हैं। इसी के साथ Federal Reserve आने वाले महीनों में इकोनॉमी के प्रदर्शन के आधार पर अपनी स्ट्रेटजी को एडजस्ट करने के लिए भी तैयार हैं। वहीं Federal Reserve वैल्यू में स्टेबिलिटी लाने और ज्यादा से ज्यादा रोजगार को निश्चित करने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता दिखाने की योजना पर भी काम कर रहा है।
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