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Crypto पर भारत के सुझाव के आगे नतमस्तक हुआ G20, मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?

महत्वपूर्ण बिंदु
  • भारत में 2 दिनों तक चली G20 की बैठक में क्रिप्टोकरंसी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई। जहाँ सभी G20 देश क्रिप्टो पर वैश्विक कानून के लिए सहमत हुए है।
  • PM Modi ने समिट के दौरान कहा कि क्रिप्टो, मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के साथ सामाजिक व्यवस्था के लिए एक नया विषय है, जिसे रेगुलेट करना आवश्यक है।
  • प्रधानमंत्री Narendra Modi की क्रिप्टो पर जो रणनीति है, उसको लेकर यही उम्मीद है कि क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर भारत को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
11-Sep-2023 By: Rohit Tripathi
Crypto पर भारत के सु

भारत की अध्यक्षता आयी क्रिप्टो को रास, खुले फ्रेमवर्क के रास्ते 

भारत में दो दिनों तक चलने वाली G20 की बैठक एक अच्छे नोट के साथ में ख़त्म हुई और अगले G20 सम्मेलन की कमान अब ब्राजील को सौंप दी गई है। जहाँ भारत में हुई G20 की बैठक ट्रेड, इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्लोबल इन्वायरमेंट जैसे कई मुद्दों के लिए एक सफल बैठक रही, वहीँ इन सब में क्रिप्टोकरंसी एक और ऐसा बड़ा मुद्दा था, जिससे जुड़ी अच्छी खबर सामने आई। G20 की बैठक के दौरान क्रिप्टोकरंसी पर भारत के प्रधानमंत्री Narendra Modi ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के साथ सामाजिक व्यवस्था के लिए क्रिप्टोकरंसी एक नया विषय है, जिसे रेगुलेट करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से रखी गई इस मांग पर ग्लोबल लीडर्स ने अपनी सहमति व्यक्त की। जिसके बाद IMF और FSB के द्वारा संयुक्त पत्र में दिए गए सुझाव के साथ सभी G20 मिलकर एक ऐसे क्रिप्टो रेगुलेशन से जुड़े फ्रेमवर्क पर काम करेंगे, जो G20 देशों के साथ सभी नॉन G20 देशों के लिए भी मान्य हो। 

भारत को मिल सकती है क्रिप्टो से जुडी बड़ी जिम्मेदारी

भारत एक सफल G20 समिट का आयोजन करके विश्वपटल पर अपने आपको एक बार फिर साबित कर चुका हैं। जहाँ इस समिट में दुनिया भर के देशों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, वहीँ क्रिप्टोकरंसी पर भी एक ग्लोबल फ्रेमवर्क के निर्माण के लिए सभी ग्लोबल लीडर्स द्वारा सहमती व्यक्ति की गई, जिसका प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था। भारत के इस सफल G20 समिट के आयोजन के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही भारत को कुछ और बड़ी जिम्मेदारियां मिल सकती है। इन जिम्मेदरियों में क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन की एक बड़ी जिम्मेदारी भी भारत के हिस्से में आ सकती हैं। 

दरअसल भारत जिस तरह से यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम को पूरे देश में लागू करने के बाद विश्व को डिजिटल ट्रांजेक्शन के बारे में एक उम्मीद दे रहा है। उसी तरह अब सभी देशों की निगाहें इस बात पर है कि भारत क्रिप्टो को लेकर क्या रणनीति कदम उठता है, जिससे यह ग्लोबल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क सभी देशों के लिए मान्य हो। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि क्रिप्टो को रेगुलेट करने की जिम्मेदारी भारत को ही मिल जाए। जिसके बाद हो सकता है कि भारत इससे जुड़ा एक नया डिपार्टमेंट बना दे। इसके साथ ही यह भी हो सकता है कि भारत, अमेरिका, रूस, फ़्रांस और ब्रिटेन जैसे बड़े देश मिलकर संयुक्त रूप से एक ऐसे ऑर्गनाइजेशन का निर्माण कर ले, जो डेडीकेटली ग्लोबल क्रिप्टो रेगुलेशन की दिशा में काम करें। खेर यह सब एक अनुमान है, जो कि दुनियाभर में भारत की बढ़ती लोकप्रियता और लीडर के रूप में बढ़ती स्विकारिता के बाद लगाया गया है। इस विषय में आप क्या सोचते हैं, अगर आप भी इसे भारत की एक बड़ी रणनीतिक जीत की तरह देखते हैं, तो अपने विचार हमारे साथ जरूर शेयर करें। 

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