वर्तमान समय में AI को लेकर जो रेस चल रही है उसमें हर बड़ी टेक कंपनी हिस्सा ले रही हैं। यह रेस इतनी बढ़ चुकी हैं कि अपने AI टूल्स को ट्रेनिंग देने के लिए फर्म्स पब्लिक डेटा का उपयोग करने से भी पीछे नहीं हट रही हैं। लेकिन हद तो तब हो गई जब Google जैसी बड़ी टेक फर्म भी पब्लिक डेटा चोरी जैसे कार्यों को अंजाम दे रही हैं। इतना है नहीं जब Google पर इस डेटा चोरी को लेकर एक क्लास एक्शन मुकमदा दायर हुआ तो, कंपनी द्वारा एक बहुत ही चौकाने वाला लॉजिक दिया गया। दरअसल कैलिफ़ोर्निया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में Google ने AI डेटा स्क्रैपिंग क्लास-एक्शन सूट को ख़ारिज करने से जुड़ा एक प्रस्ताव दायर किया है। इस प्रस्ताव में Google की ओर से कहा गया कि Bard जैसे AI चैटबॉट को ट्रेनिंग देने के लिए पब्लिक डेटा का उपयोग आवश्यक है। इतना ही नहीं अपने इस प्रस्ताव में Google इस बात को भी मानने से इनकार कर रहा है कि पब्लिक डेटा का उपयोग करना चोरी है। बता दे कि अपने प्रस्ताव में Google ने कहा कि सीखने के लिए सार्वजानिक रूप से उपलब्ध जानकारी का उपयोग चोरी नहीं है और न ही यह प्राइवेसी, कन्वर्शन, नेग्लिजेंस, अनफेयर कॉम्पिटिशन या फिर कॉपीराइट का उल्लंघन है। Google ने आगे कहा कि इस तरह के मुकदमें न केवल Google की सर्विसेज में बाधा बनेंगे बल्कि जेनरेटिव AI के विचार को भी नुकसान पहुँचाएंगे।
इंटरनेट यूजर्स और कॉपीराइट होल्डर्स जैसे मिलियंस ऑफ़ क्लास मेंबर्स को रिप्रजेंट करने का दावा करने वाले 8 व्यक्तियों ने जुलाई में Google के खिलाफ AI डेटा स्क्रैपिंग क्लास-एक्शन सूट दायर किया था। इस मुकदमें में इस बात का दावा भी किया गया था कि मुकदमा दायर होने के ठीक एक सप्ताह पहले Google privacy policy में चेंज के तहत उनके प्राइवेसी और प्रॉपर्टी राइट्स का उल्लंघन किया गया था, जो AI ट्रेनिंग पर्पर्स के लिए डेटा स्क्रैपिंग की अनुमति देता है।
यह भी पढ़िए : LinkedIn में हुआ बड़ा Layoff, कहीं AI वजह तो नहीं