भारत में क्रिप्टो स्कैम्स तेजी से बढ़ रहे है, इन बढ़ते स्कैम्स ने सरकार और पुलिस को चिंता में डाल दिया है। हालाँकि सरकार और पुलिस अपनी ओर से इन्हें रोकने के लिए जरुरी कदम भी उठा रही है। लेकिन क्रिप्टोकरंसी और डिजिटल वर्ल्ड में आए दिन नई-नई टेक्नोलॉजी आ रही है जिससे निपटने के लिए इसकी जानकारी होना बहुत जरुरी है।
इसी के चलते अब भारतीय पुलिस बल अपने कर्मचारियों को क्रिप्टोकरंसी और इससे जुडी टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण दे रही है। भारत के गृह मंत्रालय (MHA) की वार्षिक रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2022-2023 के दौरान विभिन्न साइबर अपराध और पुलिस विभाग के अधिकारियों को क्रिप्टोकरंसी फोरेंसिक और इन्वेस्टीगेशन में प्रशिक्षित किया गया है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और भारतीय साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर ने मिलकर 141अधिकारियों को डार्कनेट और क्रिप्टोकरंसी की जांच और डिजिटल फ़ुटप्रिंट से संबंधित अन्य वर्कशॉप्स और सोशल मीडिया से खुफिया जानकारी और सबूत इकट्ठा करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, भारतीय साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर ने 2,800 से अधिक साइबर पुलिस अधिकारियों को क्रिप्टो फोरेंसिक और जांच और अन्य नई टेक्नोलॉजी जैसे anonymization networks और cyberspace में मोबाइल एप्लिकेशन के दुरुपयोग की जांच में प्रशिक्षित किया है।
क्रिप्टो स्कैम्स से निपटने के लिए गृह मंत्रालय भी जरुरी कदम उठा रहा है। पिछले महीने ही भारतीय गृह मंत्रालय (MHA) ने एक अत्याधुनिक क्रिप्टोकरंसी इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस टूल (CIAT) भी लॉन्च किया है। साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर द्वारा तैयार किए गए इस टूल का उद्देश्य साइबर अपराधियों के खिलाफ भारत की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। CIAT डार्क नेट को स्कैन करता है और संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े क्रिप्टोकरंसी वॉलेट एड्रेस पर ध्यान केंद्रित करता है। CIAT केवल एक आब्जर्वर नहीं है क्योंकि इसमें एक एक्टिव अलर्ट सिस्टम है, जो अनियमित क्रिप्टो गतिविधियों के थोड़े से संकेत पर कार्रवाई में जुट जाता है। जब कुछ खाते संदिग्ध व्यवहार करते हैं या असामान्य रूप से हाई ट्रांजेक्शन करते हैं, तो यह तुरंत अलर्ट भेज देता है।
भारत में बढ़ते क्रिप्टो सम्बंधित अपराधों से निपटने के लिए यह सभी कदम उठाए गये है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने पिछले तीन वर्षों में नशीले पदार्थों से संबंधित दुष्कर्मों के साथ क्रिप्टोकरंसी के एक अस्थिर संबंध पर प्रकाश डाला है, उन्होंने क्रिप्टोकरंसी से जुडी ऐसी 38 घटनाओं की पहचान की है। भारत का लक्ष्य न केवल क्रिप्टो स्कैम से मुकाबला करना है बल्कि क्रिप्टो-संबंधित अपराधों को रोकना भी है।
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