Crypto रेगुलेशन में देरी, भारतीय सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार

महत्वपूर्ण बिंदु
  • भारत में बढ़ते क्रिप्टो स्कैम और क्रिप्टो रेगुलेशंस की कमी के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि, क्या वह क्रिप्टो सम्बंधित आपराधिक मामलों की जांच के लिए कोई फ़ेडरल एजेंसी स्थापित करने की योजना बना रही है।
  • सरकार ने पहले भी कई बार क्रिप्टो बिल लागु करने का वादा किया है, लेकिन अभी तक कोई बिल पेश नहीं कर पाई है।
29-Jul-2023 By: Shailja Joshi
Crypto रेगुलेशन में

जल्द लागु हो सकते है भारत में क्रिप्टो रेगुलेशंस

भारत में बढ़ते क्रिप्टो स्कैम और Crypto regulations की कमी के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने  केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। देश में क्रिप्टोकरंसी के बढ़ते उपयोग को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है कि केंद्र सरकार अभी तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं कर पाई है। अदालत की यह टिप्पणी क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए की गई है और साथ ही केंद्र सरकार से पूछा है कि, क्या वह क्रिप्टो सम्बंधित आपराधिक मामलों की जांच के लिए कोई फ़ेडरल एजेंसी स्थापित करने की योजना बना रही है। 

अदालत की यह टिप्पणी भारत में क्रिप्टोकरंसी स्कैम के मामलों के संबंध में दर्ज याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की है। हालाँकि भारत में क्रिप्टो को रेगुलेट करने की लड़ाई लंबे समय से चली आ रही है। 2018 की शुरुआत से ही सरकार क्रिप्टो बिल पर काम कर रही है। सरकार ने पिछले चार वर्षों में कई बार क्रिप्टो बिल लागु करने का वादा किया है, लेकिन अभी तक कोई बिल पेश नहीं कर पाई है।

क्रिप्टो रेगुलेशंस की और बढ़ता भारत

हालाँकि भारत सरकार बहुत समय से क्रिप्टो को रेगुलेट करने का प्रयास कर रही है। 2017 में, RBI ने एक सर्कुलर जारी कर बैंकों और अन्य रेगुलेट संस्थाओं को क्रिप्टोकरंसी में काम करने वाले इन्वेस्टर्स या व्यवसायों को सेवाएं प्रदान करने से रोक दिया था। जिससे भारतीय निवासियों के लिए क्रिप्टोकरंसी खरीदना और बेचना अवैध था। हालाँकि, मार्च 2020 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह प्रतिबन्ध हटा दिया था । इस निर्णय ने भारत में क्रिप्टोकरंसी के उपयोग को वैध कर दिया था । तब से, भारत सरकार क्रिप्टोकरंसी के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर विचार कर रही है। 

2022 में वित्त मंत्रालय ने डिजिटल रुपया लॉन्च करने के साथ ही निजी क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक रूपरेखा बनाने का प्रस्ताव देते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में भारत में क्रिप्टोकरंसी के उपयोग की निगरानी के लिए एक डिजिटल करेंसी रेगुलेटरी अथॉरिटी (DCRA) की स्थापना की भी सिफारिश की गई थी। 2022 के केंद्रीय बजट में भी भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरंसी सहित वर्चुअल एसेट के लिए महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की थी। इस ही बजट में सरकार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर क्रिप्टो करंसी सहित डिजिटल एसेट्स को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के रूप में वर्गीकृत किया था और क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर पर 30 प्रतिशत टैक्स की घोषणा की थी। यह घोषणा भारत में डिजिटल एसेट्स और क्रिप्टोकरंसी उद्योग को रेगुलेट करने की दिशा में सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम थी।

इसके अलावा इस साल की G20 बैठक की अध्यक्षता भारत कर रहा है। जिसमे भारत की प्राथमिकता क्रिप्टो एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए एक मानक ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल तैयार करने  के संबंध में अन्य G20 सदस्य देशों के साथ चर्चा करना है। वित्त मंत्रालय का यह भी कहना है की क्रिप्टो रेगुलेशंस कोई देश अकेला नहीं बना सकता इसके लिए G20 देशों को साथ मिलकर एक क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करना होगा।

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