भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से विस्तार कर रहा है। भारत में पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरंसी और ब्लॉकचेन इंडस्ट्री में अडॉप्शन बढ़ रहा है। इसी के चलते दुनियाभर की बड़ी टेक कम्पनियाँ भारत में काफी संभावनाएं देखती है। क्रिप्टोकरंसी और ब्लॉकचेन के अलावा भारत AI के क्षेत्र में भी विस्तार कर रहा है। भारत में AI की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए ही टेक कंपनी Microsoft भारत में विस्तार करना चाहती है, इसी के चलते Microsoft ने भारतीय स्टार्टअप Sarvam AI के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इस पार्टनरशिप के जरिये Microsoft न सिर्फ भारत बल्कि, एशिया में अपनी पहुँच बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए Microsoft, Sarvam के इंडिक वॉयस लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) को अपने Azure AI इंफ्रास्ट्रक्चर में लाने की योजना बना रहा है।
Sarvam AI, अपने LLMs को जल्दी और कुशलता से ट्रैन करने, होस्ट करने और स्केल करने के लिए, Microsoft के क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करेगा, जिसमें Azure OpenAI और Azure Machine Learning शामिल है। इस कोलैबोरेशन में, Sarvam AI और Microsoft, Microsoft के जेनरेटिव AI फ्रंटियर लैंग्वेज मॉडल में भारतीय भाषाओं को बेहतर समर्थन देने और उन्हें बड़े पैमाने पर डिप्लॉय करने के तरीकों पर भी रिसर्च करेंगे।
भारतीय भाषाओं में, वॉयस AI ऐप्स के लिए एक नेचुरल यूजर इंटरफेस है जो कस्टमर सर्विस, बैंकिंग, हेल्थ केयर और एजुकेशन में सहायक है। Sarvam AI के इंडिक वॉयस LLM को Azure पर उपलब्ध कराकर, Microsoft अधिक भारतीय डेवलपर्स को स्केलेबल, रीयल-टाइम वॉइस-बेस्ड AI ऐप्स बनाने में सक्षम बनाना चाहता है।
इसी के साथ Microsoft ने भारत में बढती AI की संभावनाओं को देखते हुए घोषणा की है कि यह 2025 तक भारत में 2 मिलियन लोगों को AI स्किलिंग के अवसर प्रदान करेगा। स्किलिंग में टियर-2 और टियर-3 शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा और इंक्लूसिव सोशियों-इकनोमिक प्रोग्रेस पर ध्यान दिया जाएगा। Microsoft केवल टूल और प्लेटफ़ॉर्म तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मॉडल ट्रेनिंग और AI इंफ्रास्ट्रक्चर और AI चिप के निर्माण में भी सक्रिय रूप से शामिल हो रहा है।
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