सस्ता टोकन का दावा करें रिजर्व का प्रमाण

कोडिंग के बाद अब Smart Contracts भी लिख सकता है ChatGPT

महत्वपूर्ण बिंदु
  • ब्लॉकचेन सिक्योरिटी कंपनी Salus Security ने ChatGPT और अन्य Artificial Intelligence टूल्स को लेकर एक रिसर्च पेश की है।
  • रिसर्च के अनुसार ChatGPT का GPT 4, Smart Contracts को आसानी से लिख और ऑडिट कर सकता है।
  • रिसर्च बताती है कि किस तरह ChatGPT जैसे AI टूल्स वो हर काम आसानी से कर सकते है, जिन्हें मानव को करने में काफी समय लगता है।
21-Feb-2024 By: Rohit Tripathi
कोडिंग के बाद अब Sma

Smart Contracts की पार्सिंग और ऑडिट कर सकता है ChatGPT

Artificial Intelligence वर्तमान में अपने पैर पसारता जा रहा है, जहाँ कोडिंग जैसे जटिल कार्य को करने वाला AI अब Smart Contracts भी आसानी से लिख सकता है। दरअसल ब्लॉकचेन सिक्योरिटी कंपनी Salus Security ने ChatGPT और अन्य Artificial Intelligence टूल्स को लेकर एक परिक्षण किया हैं। इस परिक्षण में जो परिणाम आए हैं वे काफी चौकाने वाले हैं, दरअसल रिसर्च में यह जानकारी मिली हैं कि ChatGPT का GPT 4 और उसके जैसे AI टूल्स कोड बनाने और पार्सिंग करने में काफी अच्छे हैं। ऐसे में स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट ऑडिटिंग में सहायता करने के लिए ये AI टूल्स काफी उपयोगी हो सकते हैं। Smart Contracts ऑडिटिंग में इन टूल्स का उपयोग विशेष रूप से कोड पार्सिंग और वल्नेरेबिलिटी हिंट्स प्रोवाइड करने में किया जा सकता है। हालाँकि रिसर्च से यह भी जानकारी मिलती हैं कि वर्तमान में इन टूल्स की कुछ लिमिट्स है, ऐसे में ये AI टूल्स अभी पूरी तरह प्रोफेशनल ऑडिटिंग टूल और एक्सपीरियंस रखने वाले ऑडिटर्स को रिप्लेस नहीं कर सकते है। रिसर्च इस ओर भी इशारा करती हैं कि वर्तमान में न सही लेकिन भविष्य में ChatGPT जैसे AI टूल्स ऑडिटर्स की नौकरियों के लिए भी खतरा हो सकते हैं। 

हयूमन जॉब्स के लिए खतरा बन रहे हैं ChatGPT जैसे AI टूल्स  

Coin Gabbar की माने तो ChatGPT जैसे AI टूल्स ह्यूमन जॉब्स के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। Google News के पूर्व सीनियर डायरेक्टर के हालिया बयान से भी यह बात सामने आती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ChatGPT जैसे AI मॉडल जर्नलिस्ट्स को रिप्लेस कर सकते हैं। इतना ही नहीं Cambridge University के Queens College के प्रेसिडेंट अपने बयान में कह चुके हैं कि ChatGPT जैसे AI टूल्स मिड-लेवल के एसेट्स मैनेजर्स के रोल को पूरी तरह ख़त्म कर सकते हैं। ऐसे में ह्युमन जॉब्स पर Artificial Intelligence के चलते खतरा साफ़ दिखाई देता है। गौरतलब है कि ChatGPT की निर्माता फर्म OpenAI अब अपने इस चैटबॉट को मेमोरी भी देने वाली हैं, जिसके माध्यम से ChatGPT पुराने टास्क को याद रखेगा। इस मेमोरी फीचर के माध्यम से ChatGPT की शक्ति और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। जो मनुष्य के लिए चिंता का विषय है। AI की बढ़ती ताकत को देखकर बीते सालों में कई बड़ी टेक कम्पनियां इस स्पेस में कदम रख चुकी हैं, इनमें Google, Meta, Microsoft, xAI और OpenAI शामिल हैं। साथ ही AI के बढ़ते उपयोग से कई बड़ी टेक फर्म अपने स्टाफ की भी छंटनी कर चुकी हैं। ऐसे में अगर AI का उपयोग ऐसे ही बढ़ता रहा तो भविष्य में Mass Layoffs देखने को मिल सकता है।

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व्हाट यूअर ओपिनियन
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