भारत में एक प्रमुख सरकारी ऑयल कंपनी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने अपने परचेस ऑर्डर सिस्टम की दक्षता बढ़ाने और जालसाजी के खिलाफ सुरक्षा के लिए ब्लॉकचेन-संचालित पहल शुरू की है। कंपनी ने इस कदम में भारतीय Web3 स्टार्टअप Zupple Labs के साथ साझेदारी की है, जो NEAR ब्लॉकचेन पर तुरंत वेरिफिकेशन करने के लिए LegitDoc का उपयोग करेगा। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाने का HPCL का यह निर्णय जालसाजी से निपटने के लिए लिया गया है। कंपनी ने अक्टूबर के अंत तक इस सुविधा को जनता और विक्रेताओं के लिए लेने की घोषणा की है। दरअसल पिछले पांच सालों में, HPCL ने लगभग $52 बिलियन के परचेस ऑर्डर्स जारी किए हैं। यह हाई-वैल्यू परचेस ऑर्डर्स महत्वपूर्ण है। इसमें थर्ड पार्टी परचेस आर्डर पर कंपनी को परेशानी का सामना करना पड़ा था जिसके चलते ही कम्पनी ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अपनाने का निर्णय लिया है। LegitDoc के इंटीग्रेशन के बाद परचेस ऑर्डर्स सुरक्षित और बड़ी आसानी से किये जा सकेंगे। इसकी मदद से एक साधारण क्लिक के साथ ऑर्डर को तुरंत और बिना किसी रूकावट के वेरीफाई किया जा सकेगा। अधिक पारदर्शी और कुशल परचेस आर्डर सिस्टम की ओर HPCL का कदम न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरी ऑयल और गैस इंडस्ट्री के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
Zupple Labs के साथ HPCL की पार्टनरशिप और परचेस ऑर्डर्स को सुरक्षित और वेरीफाई करने के लिए LegitDoc का इम्प्लीमेंटेशन पारदर्शिता और दक्षता के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके, HPCL अपने हाई-वैल्यू वाले परचेस ऑर्डर्स की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है और विक्रेताओं के लिए अधिक सुव्यवस्थित प्रक्रिया प्रदान कर रहा है।
HPCL का यह कदम भारत में सरकारी और प्रशासनिक उपयोग में बढ़ते ब्लॉकचैन एडॉप्शन को दर्शाता है। इससे पहले, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली प्रशासन ने 2022 में 65,000 आदिवासी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए LegitDoc को अपनाया था। प्रमाण पत्र जारी करने के अलावा, इस तकनीक का उपयोग महाराष्ट्र में 2021 में COVID-19 वैक्सीन प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी किया गया था। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने 2022 में 100,000 से अधिक डिग्री प्रमाणपत्र जारी करने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया था।
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