सस्ता टोकन का दावा करें रिजर्व का प्रमाण

RBI ने 2022-23 के लिए अपना डिजिटल एजेंडा जारी किया

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RBI ने 2022-23 के लिए अपना डिजिटल एजेंडा जारी किया 

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की 2022-23 की योजना डिजिटल पर काफी ज़्यादा केंद्रित है। केंद्रीय बैंक, डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए उधारी के दिशानिर्देश स्थापित करेगा, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करेगा, और 75 डिजिटल बैंकों को geo-tagging सिस्टम स्थापित करने और लागू करने में आसान बनाएगा। इसने डिजिटल पेमेंट्स और फिनटेक इंडस्ट्रीज़ में संरचनात्मक सुधार लाने के लिए कई योजनाओ का प्रस्ताव दिया है।

RBI ने कहा कि उसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए prudential lending standards बनाने के लिए सरकार सहित अन्य ऑथॉरिटीज़ के साथ सहयोग करना होगा। नवंबर में, केंद्रीय बैंक ने इंटरनेट प्लेटफॉर्म के माध्यम से उधारी देने पर एक कंसल्टेशन डॉक्यूमेंट जारी किया। योजनाओ में डिजिटल लेंडिंग एप्लिकेशंस द्वारा विशेष रूप से विनियमित संगठनों के लिए बैलेंस-शीट लेंडिंग को सीमित करना, गैरकानूनी डिजिटल लेंडिंग को रोकने के लिए कानून बनाना और बैलेंस-शीट लेंडिंग के रूप में 'बाय नाउ पे लेटर' (BNPL) को वर्गीकृत करना शामिल है।

RBI, प्रूफ ऑफ़ कॉन्सेप्ट, फाइनल लॉन्च के साथ सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के लिए एक ‘Tiered Approach’ अपनाने का इरादा रखता है। RBI के अनुसार, "सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को स्टेटेड मोनेटरी पॉलिसी, फिनांशियल स्टेबिलिटी और करेंसी और पेमेंट सिस्टम, एफिशिएंसी ओब्जेक्टिवस को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए।"

रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल बैंक 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स की स्थापना में भी मदद करेगा। इंडियन बैंक एसोसिएशन ने पहले कहा था कि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, दस कमर्शिअल बैंक और एक छोटा फाइनैंस बैंक, जुलाई 2022 तक यह डिजिटल बैंकों को चालू करने के लिए काम कर रहे हैं।

RBI ने घोषणा की, कि वह एक Geotagging मैकेनिज्म को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करेगा जो मौजूदा भुगतान टचप्वाइंट के लोकेशंस प्रदान करेगा। कई स्थानों पर बुनियादी ढांचे की डेंसिटी का विश्लेषण करके, बैंक और अन्य भुगतान-संबंधित संस्थान रीजनल डिजिटल पेमेंट अपटेक में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।

पेमेंट सिस्टम के लिए अपने दृष्टिकोण के साथ, केंद्रीय बैंक "फॉर्मूलेशन एंड रिलीज ऑफ पेमेंट सिस्टम विजन 2025" नामक एक दस्तावेज जारी करेगा। RBI नियमित प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगा। नियामक e-Kuber को नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करके इसे और अधिक लचीला और स्थिर बनाने के लिए भी सुधार करेगा।

यह RBI रिटेल डायरेक्ट स्कीम की अपील को व्यापक बनाने और रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच इसकी ओवरआल रीच बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। लक्ष्य गवर्नमेंट सिक्योरिटी मार्केट में रिटेल की भागीदारी को बढ़ाना है, जिससे बाजार का विस्तार होगा।


व्हाट यूअर ओपिनियन
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