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जानिए किस देश ने बनाया दुनिया का पहला AI एक्ट

महत्वपूर्ण बिंदु
  • यूरोपियन यूनियन ने Artificial Intelligence (AI) पर दुनिया का पहला एडवांस एक्ट बनाया है।
  • EU के मेंबर स्टेट्स द्वारा इस AI एक्ट के फाइनल टेक्स्ट को अप्रूव करने के लिए वोटिंग की गई।
  • AI एक्ट, 13 फरवरी को EU लॉमेकर कमिटी द्वार वोट किए जाने के बाद कानून बनने की दिशा में आगे बढ़ जाएगा।
03-Feb-2024 By: Rohit Tripathi
जानिए किस देश ने बना

AI एक्ट पर यूरोपियन यूनियन मेंबर स्टेट ने की वोटिंग

दुनिया के अन्य देशों को पीछे छोड़ते हुए यूरोपियन यूनियन ने (EU) Artificial Intelligence (AI) पर दुनिया का पहला एडवांस एक्ट बनाया है। EU के मेंबर स्टेट्स द्वारा AI एक्ट के फाइनल टेक्स्ट को अप्रूव करने के लिए वोटिंग की गई। जिसके बाद अब यह एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्ट 13 फरवरी को EU लॉमेकर कमिटी के समक्ष वोटिंग के लिए प्रुस्तुत किया जाएगा। हलांकि यूरोपियन यूनियन के इस AI एक्ट को कानून बनने लिए अभी यूरोपीय संसद में वोटिंग का सामना भी करना है। अगर सबकुछ सही रहता है और सभी सदनों में यह एडवांस AI एक्ट पास हो जाता है तो, यह कानून बन जाएगा। ऐसे में आने वाले 2026 में इस एक्ट के लागू होने की उम्मीद हैं। 

इस एक्ट के बारे में यूरोपियन यूनियन के इंटरनल मार्केट के कमिश्नर Thierry Breton ने सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर जानकारी देते हुए कहा कि यूरोपियन यूनियन के सभी 27 मेम्बर ऑफ़ स्टेट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्ट पर समर्थन दे चुके हैं और यह दुनिया का पहला AI लॉ बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। 

ChatGPT जैसे AI सिस्टम के जोखिमों को कम करता है AI Act

Coingabbar का मानना है कि यूरोपियन यूनियन का AI एक्ट, AI एप्लीकेशंस को रेगुलेट करने के लिए एक रिस्क-बेस्ड स्ट्रेटेजी है। यह एक्ट ChatGPT और Deepfakes जैसे AI सिस्टम के जोखिमों को कम करता है। साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सिस्टम में ट्रांसपरेंसी रूल्स को शामिल करता है। बता दे कि वर्तमान में सबसे ज्यादा चिंता ChatGPT जैसे AI चैटबॉट और Deepfake जैसे AI सिस्टम को लेकर है। जहाँ एक तरफ ChatGPT जैसे AI चैटबॉट के बढ़ते उपयोग से प्राप्त इन्फॉर्मेशन को लेकर सवाल उठते रहे हैं। क्योंकि प्राप्त जानकारियां AI चैटबॉट, इंटरनेट के माध्यम से ही प्राप्त करता है। जिसके चलते इनके सही होने को लेकर दुविधा बनी रहती हैं। वहीँ Deepfake जैसी AI टेक्नोलॉजी का दुरूपयोग करके लोगों के फेक विडियो और इमेज निर्माण जैसे जोखिमों में बढ़ोतरी हो रही हैं। जहाँ हाल ही में कई फैमस सेलेब्रिटी इस टेक्नोलॉजी के शिकार बने हैं। जिनमें भारतीय प्रधानमंत्री Narendra Modi, सिंगर Taylor Swift, बॉलीवुड अभिनेत्री Rashmika Mandanna, जैसी बड़ी हस्तियाँ शामिल हैं। ऐसे में AI एक्ट आने वाले भविष्य में AI के बढ़ते खतरे पर लगाम लगाने की दिशा में एक उम्मीद प्रदान करता है। फिलहाल इस एक्ट के कानून बनने का इंतजार है। 

ग्लोबल AI रेगुलेशन की मांग कर चुका है भारत 

भारत की अध्यक्षता में हुई G20 समिट में सभी सदस्य देश जब ग्लोबल क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करने की बात पर सहमत हुए तो, उस समय भारत ने ग्लोबल AI रेगुलेशन का मुद्दा भी उठाया था। खुद भारतीय प्रधानमंत्री Narendra Modi ने AI को रेगुलेट करने की बात अपनी स्पीच के दौरान कही थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जिस तरह क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने की दिशा में सभी देश एक साथ आए और ग्लोबल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर राजी हुए, ठीक उसी प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी एक ग्लोबल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का निर्माण किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि भारत द्वारा AI रेगुलेशन पर रखे गए प्रस्ताव पर भी सभी G20 सदस्यों ने अपनी रजामंदी दी थी। 

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