इस वर्ष G20 समिट की मेजबानी भारत द्वारा की गई। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने Chainalysis 2023 Global Crypto Adoption Index में, सभी 154 देशों में पहला स्थान प्राप्त किया, जिससे क्रिप्टोकरंसी को जमीनी स्तर पर अपनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
भारत 2023 इंडेक्स के लिए विचार किए गए 5 विश्लेषणात्मक मापदंडों में से 4 में पहला स्थान हासिल करके पहला स्थान हांसिल कर सका जो निम्न है:
सेंट्रलाइज्ड सर्विस वैल्यू रिसीव्ड
रिटेल सेंट्रलाइज्ड सर्विस वैल्यू रिसीव्ड
DeFi वैल्यू रिसीव्ड
रिटेल DeFi वैल्यू रिसीव्ड
यह भारत के लिए एक अविश्वसनीय उपलब्धि है क्योंकि पिछले साल भारत इस इंडेक्स में यह चौथे स्थान पर था। भारत के अलावा, अन्य विकासशील देश जैसे नाइजीरिया दूसरे और वियतनाम तीसरे स्थान पर हैं, जो इस तथ्य को साबित करता है कि क्रिप्टोकरंसी को अपनाने वाले लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
भारत ने 2023 Global Crypto Adoption Index' के अनुसार क्रिप्टो एडॉप्शन में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Crypto Adoption Index वास्तव में क्या है।
सरल शब्दों में कहें तो, Crypto Adoption Index का उपयोग उन देशों का आकलन और पहचान करने के लिए किया जाता है जहां अधिकांश नागरिक क्रिप्टोकरंसी को अपना रहे हैं और अपनी एसेट्स का एक बड़ा हिस्सा क्रिप्टोकरंसी में डाल रहे हैं।
ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म 'Chainalysis' के अनुसार, Global Crypto Adoption Index किसी देश के नागरिकों द्वारा क्रिप्टोकरंसी के रोजमर्रा के उपयोग को मापने के लिए पांच सब-इंडेक्स का उपयोग करता है। इनमें से प्रत्येक सब-इंडेक्स एक देश द्वारा विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरंसी सर्विसेज के उपयोग पर आधारित है और जनसंख्या आकार और क्रय शक्ति जैसी विशेषताओं के आधार पर रैंकिंग को महत्व देता है, सभी पांचों में प्रत्येक देश की रैंकिंग का जियोमेट्रिक मीन लेता है और फिर उस अंतिम संख्या को सामान्य करता है। प्रत्येक देश को एक अंक देने के लिए 0 से 1 का पैमाना होता है। यहाँ जिस देश का अंतिम स्कोर 1 के जितना करीब होगा, उस देश की रैंक उतनी ही ऊंची होगी।
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, 5 सब-इंडेक्स में शामिल हैं, सेंट्रलाइज्ड सर्विस वैल्यू रिसीव्ड रैंकिंग, रिटेल सेंट्रलाइज्ड सर्विस वैल्यू रिसीव्ड रैंकिंग, P2P एक्सचेंज ट्रेड वॉल्यूम रैंकिंग, DeFi वैल्यू रिसीव्ड रैंकिंग और रिटेल DeFi वैल्यू रिसीव्ड रैंकिंग।
सब-इंडेक्स की गणना करने के लिए, प्लेटफ़ॉर्म उन सर्विसेज और प्रोटोकॉल वेबसाइटों के वेब ट्रैफ़िक पैटर्न के आधार पर विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरंसी सर्विसेज और प्रोटोकॉल के लिए देशों के ट्रांजेक्शन वॉल्यूम का अनुमान लगाता है।
भारत में आयोजित होने के बाद, G20 समिट ने क्रिप्टो वर्ल्ड के संबंध में एक उल्लेखनीय विकास किया है। दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं, जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और अन्य ऐसे निर्णय लेने के लिए साथ आए, जो विश्व स्तर पर लागू होंगे।
ऐसे ही एक निर्णय में क्रिप्टो एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (CARF) शामिल है, जो सरकारों को अपने संबंधित देशों में क्रिप्टोकरंसी लेनदेन और उनके प्रतिभागियों तक पहुंच प्राप्त करने की अनुमति देगा। साथ ही, इसमें एक और महत्वपूर्ण निर्णय शामिल है- क्रिप्टो माइनिंग पर टैक्स की रिपोर्टिंग को बेहतर और व्यवस्थित करने के लिए कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) में भी संशोधन किया जाएगा।
2027 तक पूरी तरह से कार्य करने के लिए तैयार इस फ्रेमवर्क में हर साल क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर डेटा के संबंध में जानकारी का आदान-प्रदान शामिल होगा। यह संभवतः वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ-साथ अनरेगुलेटेड क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों पर होने वाले ट्रांजेक्शन पर नजर रखने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि डिटेल्स, जिसमें लाभार्थियों के नाम, डिजिटल वॉलेट एड्रेस और अकाउंट नंबर भी शामिल है, सरकारों के लिए एक्सेसिबल हो जाएंगे। इससे क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के यूजर्स की अधिक आसान पहचान के साथ-साथ पारदर्शिता और विनियमन में वृद्धि सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
इस निर्णय का दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरंसी में से एक Bitcoin पर दिलचस्प प्रभाव पड़ा है।
Bitcoin नेटवर्क ने पाया कि एक दिन के 24 घंटों में बने नए एड्रेसेज में 265k की वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप Bitcoin की हिस्ट्री में एड्रेसेज में दूसरी सबसे अधिक सिंगल-डे ग्रोथ हुई, जो पांच वर्षों में सबसे अधिक है। बता दे कि साप्ताहिक औसत वृद्धि 30% तक हुई, जो कि Bitcoin के लिए एक पॉजिटिव साइन था।
नई ट्रांसपेरेंट पहल के कुछ सकारात्मक प्रभाव पड़े है, लेकिन फिर भी इसको लेकर कुछ चिंताएँ हैं जिनके बारे में यूजर्स को चिंतित होने की संभावना है।
ट्रेडिशनल फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स के विपरीत, क्रिप्टो-एसेट्स, ट्रेडिशनल फाइनेंसियल इंटरमीडिएटर्स, जैसे बैंकों और किसी अन्य सेन्ट्रल एडमिनिस्ट्रेटर के हस्तक्षेप के बिना ट्रांसफर की जा सकती हैं।
हालाँकि, नई पहल के लॉन्च के साथ, यूजर्स कोई गुमनाम नहीं होंगे, क्योंकि अब उन्हें पहचान के लिए अपना केवाईसी जमा करना होगी।
शायद हमने वैश्विक क्रिप्टो G20 पहलों को ध्यान में रखते हुए Crypto Adoption Index में कुछ सकारात्मक लाभ देखा है, जिसने निवेशकों के बीच क्रिप्टो के भविष्य के लिए आशावाद जगाया है। हालाँकि, इसकी भविष्यवाणी करना अभी भी जल्दबाजी होगी, क्योंकि इसकी कुछ कमियाँ नए यूजर्स के लिए अनअट्रेक्टिव लग सकती हैं।
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