दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज Binance में अचानक हुई हलचल ने ग्लोबल क्रिप्टो रेगुलेशन की आवश्यकता पर फिर से सबका ध्यान आकर्षित किया है। बेशक Binance की घटना, क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है और सभी देशों में क्रिप्टो रेगुलेशन की मांग को बढ़ा सकती है। इस घटना का असर भारत में भी पड़ सकता है।
Binance CEO CZ के इस्तीफे और मनी-लॉन्ड्रिंग कानूनों के उल्लंघनों से भारत में क्रिप्टो गतिविधियों की रेगुलेटरी जांच तेज हो सकती है, जो अधिकारियों को अपने रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का पुनर्मूल्यांकन करने और उसे मजबूत करने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे भारत में घरेलू स्टॉक एक्सचेंजों और क्रिप्टो मार्केट पर दबाव बढ़ सकता है।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री Rajeev Chandrasekhar ने भी इस घटना पर जोर डालते हुए X पर कहा, "Binance, FTX और अन्य क्रिप्टो कंपनियों से एक सबक सीखा जाना चाहिए।" मार्केट लीडर्स का भी मानना है कि एसेट क्लास पर भारत सरकार के पहले से ही सतर्क रुख के साथ ही, Chandrasekhar का ट्वीट डोमेस्टिक मार्केट के लिए आगामी उथल-पुथल की ओर इशारा करता है।
अभी तक भारत सरकार केवल भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज को लेकर सख्त रुख अपना रही है, लेकिन Binance की घटना के बाद, सरकार विदेशी एक्सचेंजों को लेकर भी नियम लागू कर सकती है। यहां तक कि विदेशी एक्सचेंजों को US के समान भारत में लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भी कहा जा सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि ESYA centre द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे में सामने आया है कि 3-5 मिलियन भारतीय और 90 प्रतिशत से अधिक ट्रैफिक ऑफशोर एक्सचेंजों में स्थानांतरित हो गया है। ऐसे में चिंता का विषय यह है कि यह एक्सचेंज भारत में रजिस्टर नहीं हैं और देश के कानूनों का पालन नहीं करते हैं। खासकर PMLA गाइडलाइन्स का जो भारतीय क्रिप्टो यूजर्स को मनी लांड्रिंग जैसी घटना से बचा सकती है। ऐसे में सरकार भारत में काम कर रहे विदेशी एक्सचेंजों के लिए गाइडलाइन्स जारी कर सकती है।
हालाँकि भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज इस तरह की घटना से सुरक्षित है क्योंकि भारत में क्रिप्टो नियम सख्त हैं और कोई भी भारतीय एक्सचेंज नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता है। इसके साथ ही भारतीय एक्सचेंज भी सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप बनने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रहे हैं, वे रेगुलेटरी आवश्यकताओं का पालन करने के लिए सेल्फ-कम्प्लीयन्ट मोड में काम कर रहे हैं। लेकिन अब चिंता विदेशी एक्सचेंजों को रेगुलेट करने की है। Binance की घटना के बाद उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर भी जल्द कोई ठोस कदम उठा सकती है।
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