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क्यों भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज में नहीं आ सकती Binance जैसी परेशानी

महत्वपूर्ण बिंदु
  • Binance से जुडी ख़बरों को लेकर क्रिप्टो मार्केट में हलचल मच गई है। Binance ने $4.3 बिलियन का समझौता किया है। साथ ही CEO Changpeng Zhao को अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
  • शुक्र है कि इस तरह की घटना भारत में किसी एक्सचेंज के साथ होना मुमकिन नहीं है, क्योंकि भारत सरकार ने पहले ही क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए सख्त नियम लागू कर रखे है।
  • इसके साथ ही भारतीय एक्सचेंजों ने खुद को सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप बनाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं।
22-Nov-2023 By: Shailja Joshi
क्यों भारतीय क्रिप्ट

भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज अनचाही घटनाओं से है सुरक्षित 

दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Binance से जुडी ख़बरों को लेकर क्रिप्टो मार्केट में हलचल मच गई है, क्योंकि US डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस ने Binance और उसके CEO Changpeng Zhao पर आरोप लगाया है कि एक्सचेंज एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग प्रोग्राम और बैंक सीक्रेसी एक्ट का भी उल्लंघन किया है। जिसके चलते एक्सचेंज ने $4.3 बिलियन का समझौता किया है, साथ ही CEO, Changpeng Zhao को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। CZ के अचानक इस्तीफे और Binance जैसे बड़े एक्सचेंज पर लगे गंभीर आरोपों का नकारात्मक असर क्रिप्टो मार्केट और इसके यूजर्स पर पड़ा है। जाहिर है इस घटना के बाद क्रिप्टो रेगुलेशन की मांग और तेज हो जाएगी।

इस तरह की घटनाओ से भारत क्यों है सुरक्षित 

शुक्र है कि इस तरह की घटना भारत में किसी एक्सचेंज के साथ होना मुमकिन नहीं है, क्योंकि भारत सरकार ने पहले ही वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) और संबंधित वित्तीय सेवाओं को Prevention of Money Laundering Act (PMLA) 2002 के दायरे में रखा है। PMLA के लागू होने के कारण क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े किसी भी संदिग्ध फाइनेंशियल एक्टिविटी की जाँच ED (Enforcement Directorate) द्वारा की जा सकती है। जाहिर है PMLA के लागू होने से भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज में मनी लॉन्ड्रिंग की घटनाएँ होने की संभावना ना के बराबर ही है। 

इसके साथ ही भारत में क्रिप्टो डीलरों और एक्सचेंजों को KYC करने और अपने ग्राहकों और प्लेटफॉर्म के यूजर्स के रिकॉर्ड को बनाए रखना होता है। भारतीय एक्सचेंजों को हर 15 दिनों में ट्रांज़ैक्शन रिपोर्ट जमा करनी होती है इसके साथ ही भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को संदिग्ध गतिविधि की सूचना फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इंडिया (FIU-IND) को देनी होती है। यही कारण है कि इस तरह की घटनाओं से भारतीय निवेशकों को कोई खतरा नहीं हो सकता है। सरकारी नियम सख्त हैं और कोई भी भारतीय एक्सचेंज नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता है। 

इसके साथ ही भारतीय एक्सचेंजों ने खुद को सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप बनाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं, वे रेगुलेटरी आवश्यकताओं का पालन करने के लिए सेल्फ-कम्प्लीयन्ट मोड में काम कर रहे हैं। इन एक्सचेंजों ने अनिश्चित रेगुलेटरी परिदृश्य को नेविगेट करने की आवश्यकता को पहचाना है और यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए हैं कि उनका संचालन सरकारी आदेशों के अनुरूप हो। कुल मिलाकर, सेल्फ-कंप्लायंस के प्रति भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों का सक्रिय रुख यह दर्शाता है कि Binance जैसी घटना भारत में नहीं हो सकती है।

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व्हाट यूअर ओपिनियन
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