क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में मिलने वाले लाभ से आकर्षित होते हुए भारतीय निवेशक इस मार्केट में बिना जानकारी के कदम रखते हैं, नतिजा यह होता है कि वे अपना नुकसान करा लेते हैं। क्रिप्टो मार्केट के ये नए निवेशक स्कैमर्स की भी पहली पसंद होते हैं, क्योंकि ज्यादा प्रॉफिट के लालच में ये लोग जल्द ही झांसे में आ जाते हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया जब एक इन्डियन बैंकर Crypto Fraud में फंसकर अपना 1.2 करोड़ रूपए का नुकसान करा बैठा। Varun Yadav नाम के इस बैंकर को मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर मिली Rekha Shah नाम की महिला ने पहले दोस्ती के जाल में फसाया फिर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन बाद में जब बैंकर ने इंटरनेट पर रिसर्च किया तो उसे पता चल कि उसके साथ में Crypto Fraud हो गया है।
यह किसी भारतीय के साथ में हुआ कोई पहला क्रिप्टो फ्रॉड का मामला नहीं है, स्कैमर्स समय-समय पर भारतीय निवेशकों के साथ में अलग-अलग तरीकों से क्रिप्टो फ्रॉड करते आये हैं। स्कैमर्स द्वारा कभी फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर किसी लड़की के नाम से आईडी बनाकर युवाओं को शिकार बनाया जाता है, तो कभी सोशल मिडिया या अन्य प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो में निवेश के लुभावने विज्ञापनों द्वारा। स्कैमर्स इतने शातिर तरीके से अपना काम करते हैं कि निवेशकों को भनक तक नहीं लगती। भारतीय निवेशकों का स्कैमर्स का शिकार बनने के पीछे एक ही वजह दिखाई देती हैं, वह है मार्केट में निवेश के लिए आकर्षित हो रहे निवेशकों में क्रिप्टोकरेंसी निवेश से जुड़ी एजुकेशन की कमी।
एक रिपोर्ट से जानकरी मिलती हैं कि भारत की आबादी का लगभग 20% लोग ही क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के निवेशक हैं। इनमें से ज्यादातर क्रिप्टो निवेशक मार्केट के बारे में कम जानते हैं। यहाँ उनके निवेश के पीछे की वजह केवल इस मार्केट से बड़ी मात्रा में मिलने वाला प्रॉफिट है। ऐसे में निवेशकों को क्रिप्टो निवेश से जुड़ी कुछ सावधानियां नुकसान से बचा सकती है।
मार्केट में लाखों की संख्या में क्रिप्टो टोकन है और हर टोकन अलग-अलग ब्लॉकचेन पर हैं, ऐसे में मल्टीपल ब्लॉकचेन की जानकारी के अभाव से निवेशक उन टोकन में निवेश कर लेते हैं, जो Crypto Fraud जैसी गतिविधियों के लिए यूज़ किये जाते हैं। ऐसे में निवेशकों को उन्ही टोकन में निवेश करना चाहिए, जिनके बारे में उन्हें पूरी जानकारी हो।
नए निवेशक हार्ड वॉलेट और सॉफ्ट वॉलेट को लेकर भी काफी असमंझस में रहते हैं, जिसका फायदा स्कैमर्स उठा लेते हैं। निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए की क्रिप्टो वॉलेट आपके फंड को सुरक्षित रखने का काम करते हैं। जहाँ हार्ड वॉलेट पर आपकी कीज़ को वॉलेट का उपयोग करने वाले फिजिकल डिवाइस पर स्टोर किया जाता है। वहीँ सॉफ्ट वॉलेट इंटरनेट से कनेक्टेड होते हैं और थर्ड पार्टी द्वारा उपलब्ध कराये जाते है। ऐसे में निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी अपनी वॉलेट-कीज़ किसी और को न बताए, साथ ही साथ फर्जी वेबसाइट पर अपना वॉलेट बनाने से बचे।
निवेशकों को किसी ऐसे ही एक्सचेंज को निवेश के लिए चुनना करना चाहिए, जिसके बारे में सारी जानकारी पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध हो। साथ ही साथ वह किसी फ्रॉड या धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल न हो।
सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर आने वाले लुभावने विज्ञापन से निवेशकों को बचना चाहिए। क्योंकि स्कैमर्स सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर क्रिप्टो मार्केट में प्रॉफिट दिलाने वाले फर्जी विज्ञापनों से नए निवेशकों को आकर्षित करते हैं और फिर किसी फर्जी वेबसाइट को दिखाकर निवेशकों के साथ क्रिप्टो स्कैम्स जैसी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
निवेशकों को अपनी सूझबूझ और किसी क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के जानकारी की सलाह पर ही निवेश करना चाहिए। साथ ही किसी के बहकावे में आने से बचना चाहिए।
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