2024 में दुनियाभर के कई देशो में चुनाव होने है और इनमें AI से जुड़े खतरों को लेकर टेक लीडर्स अपनी ओर से जरुरी कदम उठा रहे है। इसी के चलते Google ने घोषणा की है कि वह अपने चैट बौट Gemini पर भारत और अन्य देशों में आम चुनावों के बारे में सवालों के जवाब देने पर रोक लगाएगा। बता दें कि यह घोषणा पिछले महीने Gemini के कई विवादों में फंसने के बाद की गई है, जिसके बाद Google को Gemini की इमेज जनरेशन फीचर को रोकना पड़ा था। दरअसल Google के Gemini को भारत सरकार के विरोध का सामना करना पड़ा था जब चैटबॉट ने मोदी सरकार की नीतियों के बारे में विवादास्पद प्रतिक्रिया दी थी। इसी के चलते अपना बचाव करते हुए Google ने यह घोषणा की है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है और आम चुनाव अप्रैल या मई में हो सकते हैं। हालाँकि, भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड स्टेट्स और यूनाइटेड किंगडम जैसे अन्य देशों में आगामी चुनावों पर AI का खतरा मंडरा रहा है।
इलेक्शन में AI द्वारा गलत जानकारी जारी करने या हस्तक्षेप करने के खतरे को देखते हुए टेक कम्युनिटी इस पर सावधानी बरत रही है। इसी के चलते 20 टेक कम्पनियों ने भी AI के उपयोग को इलेक्शन में सिमित करने के लिए एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गये उनमें #Microsoft, Google, Adobe, Amazon, Anthropic, Arm, ElevenLabs, IBM, Inflection AI, LinkedIn, McAfee, Meta, Nota, OpenAI, Snap, Stability AI, TikTok, TrendMicro, Truepic और X जैसी बड़ी फर्म्स शामिल हैं।
यह कदम पिछली कुछ घटनाओं को देखते हुए उठाए जा रहे है। जहाँ पाकिस्तान में पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को आवाज देने के लिए AI का उपयोग किया गया था,स्लोवाकिया जैसे अन्य स्थानों में, चुनाव से कुछ दिन पहले एक नकली ऑडियो रिकॉर्डिंग ने एक बड़ा विवाद पैदा हुआ था। US में भी राष्ट्रपति Joe Biden की Deepfake वॉइस के माध्यम से उनके इलेक्शन कैम्पेन को कमजोर करने की कोशिश की गई थी। इसी तरह भारतीय प्रधानमंत्री Narendra Modi की भी AI जनरेटेड ऑडियो और विडियो आए दिन सोशल मिडिया पर वायरल होती रहती हैं। ऐसे में किसी भी बड़े पॉलिटिशियन की ऑडियो या वीडियों में AI के माध्यम से छेड़छाड़ करके जनता को भ्रमित कर चुनावों के परिणाम को बदला जा सकता है।
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