सस्ता टोकन का दावा करें रिजर्व का प्रमाण

भारत का IEEE करेगा ब्लॉकचेन का उपयोग, मिलाया Avalanche से हाथ

महत्वपूर्ण बिंदु
  • इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) ने भारत में प्रमाणपत्र जारी करने के लिए Avalanche ब्लॉकचेन के साथ साझेदारी की है।
  • IEEE द्वारा उपयोग किया जाने वाला क्रेडेंशियल सिस्टम, छेड़छाड़ रहित प्रमाण पत्र जारी करने के लिए Avalanche ब्लॉकचेन का उपयोग करेगा।
  • IEEE, Zupple Labs द्वारा निर्मित ब्लॉकचेन-आधारित क्रेडेंशियल लाइफ साइकिल मैनेजमेंट, LegitDoc के माध्यम से ब्लॉकचेन प्रमाणपत्र जारी करेगा।
07-Dec-2023 By: Shailja Joshi
भारत का IEEE करेगा ब

क्रेडेंशियल सिस्टम के लिए ब्लॉकचेन का उपयोग करेगा IEEE

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्लॉकचेन का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते देश की कई बड़ी कम्पनियाँ और सरकारी विभाग ब्लॉकचेन कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहे है। हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) ने भारत में प्रमाणपत्र जारी करने के लिए Avalanche ब्लॉकचेन के साथ साझेदारी की है। अब से इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) द्वारा उपयोग किया जाने वाला क्रेडेंशियल सिस्टम, छेड़छाड़ रहित प्रमाण पत्र जारी करने के लिए Avalanche ब्लॉकचेन का उपयोग करेगा।

75,000 से अधिक सदस्यों के साथ भारत, United States के बाद दूसरा सबसे बड़ा IEEE मेम्बरशिप बेस है। IEEE वेरिफिकेशन प्रोसेस को छेड़छाड़ से बचने और सुरक्षित बनाने के लिए एसोसिएशन सभी ट्रैनीस और यूजर्स को IEEE क्रेडेंशियल या प्रमाणपत्र जारी करेगा। IEEE, Zupple Labs द्वारा निर्मित ब्लॉकचेन-आधारित क्रेडेंशियल लाइफ साइकिल मैनेजमेंट, LegitDoc के माध्यम से ब्लॉकचेन प्रमाणपत्र जारी करेगा। IEEE-Zupple Labs की साझेदारी से भारत की इंजीनियरिंग कम्युनिटी के लिए सुरक्षित क्रेडेंशियल जारी किए जाएंगे।

ब्लॉकचेन दे रहा है ग्लोबल एजुकेशन सिस्टम को बढ़ावा

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने ट्रांसपेरेंसी, सिक्योरिटी और एफिशिएंसी को बढ़ाते हुए शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इसका एक उदाहरण ब्लॉकचेन-आधारित क्रेडेंशियल्स का विकास है, जिसे IEEE ने Avalanche इकोसिस्टम के माध्यम से हासिल किया है। यह सिस्टम एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स को डिजिटल प्रमाणपत्र जारी करने में सक्षम बनाएगा जो आसानी से वेरिफाई किये जा सकते है और छेड़छाड़-रहित होते हैं।  

ब्लॉकचेन पर सर्टिफिकेट्स डिसेंट्रलाइस्ड लेजर पर सुरक्षित रूप से स्टोर रहेंगे, जिससे यूजर्स की एकेडमिक और प्रोफेशनल उपलब्धियों का एक पारदर्शी और अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा। यह एम्प्लॉयर्स और एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स के लिए वेरिफिकेशन  प्रोसेस को सरल बनाएगा और लोगों को उनके क्रेडेंटिअल्स की ओनरशिप प्रदान करेगा। इसके अलावा, सर्टिफिकेट्स के लिए ब्लॉकचेन का उपयोग करने से डिसेंट्रलाइस्ड और इंटर ओपरेबल एजुकेशन इकोसिस्टम का विस्तार होगा। इसी के साथ अन्य एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स भी इस तरह के ब्लॉकचेन एडॉप्शन के लिए कदम बढ़ा सकते है। यह बदलाव भारत में डिसेंट्रलाइस्ड एजुकेशन नेटवर्क की स्थापना की शुरुआत कर सकता है, जिससे लर्नर्स को अपने रिकॉर्ड पर नियंत्रण मिलेगा और एक ग्लोबल एजुकेशन सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।

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