यदि ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज FIU के साथ रजिस्टर नहीं होते हैं तो उन्हें भारत में काम करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। हाल ही में FIU ने PML Act के सेक्सन 13 के तहत 9 क्रिप्टो एक्सचेंजों को ऑफशोर नोटिस जारी करके एक बड़ी कार्रवाई की है। फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट्स (FIUs) किसी देश के भीतर मनी लॉन्ड्रिंग, टेररिज्म फाइनेंसिंग और अन्य अवैध गतिविधियों सहित फाइनेंसियल क्राइम्स के खिलाफ सक्रीय रूप से खड़ा हैं।
भारत में, FIU IND संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी प्राप्त करने, प्रोसेसिंग और प्रसार करने वाली प्राथमिक एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसका प्राथमिक लक्ष्य फाइनेंसियल सिस्टम को अपराधों से सुरक्षित रखना, फाइनेंसियल इंटेलीजेंस पर केंद्रित एक प्रतिष्ठित और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्थान को बढ़ावा देना है।
भारत में विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए FIU रजिस्ट्रेशन कड़े AML नियमों और KYC मानदंडों का पालन सुनिश्चित करता है। यह कदम वित्तीय अपराधों से जुड़े जोखिमों को कम करने, ग्राहकों की पूरी सावधानी सुनिश्चित करने और क्रिप्टो स्पेस के भीतर मनी लॉन्ड्रिंग एक्टिविटी को रोकने में महत्वपूर्ण है। FIU-IND के साथ रजिस्ट्रेशन क्रिप्टो एक्सचेंजों की विश्वसनीयता बढ़ाता है, यूजर्स, निवेशकों और रेगुलेटरी बॉडीज के बीच विश्वास पैदा करता है। यह पारदर्शिता, अनुपालन और रेगुलेटरी स्टेंडर्डस को बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे क्रिप्टो इकोसिस्टम में विश्वास को बढ़ावा मिलता है।
रजिस्ट्रेड एक्सचेंज FIU IND द्वारा प्रदान की गई महत्वपूर्ण फाइनेंसियल जानकारी तक पहुंच प्राप्त करते हैं, जिससे उन्हें संदिग्ध गतिविधियों के प्रति सतर्क रहने और किसी भी संभावित अवैध लेनदेन की तुरंत रिपोर्टिंग करने में सक्षम बनाया जाता है। FIU रजिस्ट्रेशन क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कानूनी दायित्व और जवाबदेही लगाता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे स्थापित लॉ और रेगुलेशंस के दायरे में काम करते हैं। अनुपालन के प्रति यह प्रतिबद्धता क्रिप्टो इंडस्ट्री की ओवरऑल इंटीग्रिटी को मजबूत करती है और स्टेकहोल्डर्स के हितों की रक्षा करती है।
क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों को FIU रजिस्ट्रेशन से संबंधित विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें लेनदेन में गुमनामी, एवोल्विंग टेक्नोलॉजिस, रेगुलेटरी अनसेटर्नटी, क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन और डेटा की जटिलता शामिल है। हालाँकि, यदि क्रिप्टो एक्सचेंज रेगुलेटेड नहीं होते हैं, तो उन्हें भारत में FIU से कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि, उन्नत KYC प्रक्रियाएं, इंटरनेशनल कोलैबोरेशन, टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट, स्टैण्डर्ड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की एडवोकेसी और एडवांस डेटा एनालिटिक्स जैसे सक्रिय उपाय इन चुनौतियों का समाधान करने का काम करते हैं।
भारत में संचालित विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए FIU रजिस्ट्रेशन के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता है। यह क्रिप्टो इंडस्ट्री के भीतर अनुपालन, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए आधारशिला के रूप में कार्य करता है। FIU रेगुलेशंस के साथ तालमेल बिठाकर, एक्सचेंज न केवल अपनी विश्वसनीयता को मजबूत करते हैं बल्कि अवैध गतिविधियों के खिलाफ फाइनेंसियल सिस्टम की सुरक्षा के व्यापक लक्ष्य में भी योगदान करते हैं।
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