सस्ता टोकन का दावा करें रिजर्व का प्रमाण

भारत में विदेशी क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज का क्या है भविष्य

महत्वपूर्ण बिंदु
  • भारत के मिनिस्ट्री ऑफ़ फाइनेंस ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन में लगे 9 बड़े विदेशी एक्सचेंजों को अवेध रूप से संचानल करने और Money Laundering (PML) Act में के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया हैं।
  • अब एक्सचेजों के सामने दो विकल्प है या तो वे FIU IND के साथ रजिस्ट्रेशन करें और नियमों का पालन करें, या फिर उन्हें भारत से अपने विस्तार के सपने को छोड़कर विदा लेना होगा।
  • FIU के साथ रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी एक्सचेंजों को कई जटिलताओं का सामना करना होगा, जैसे उन्हें अपनी एक इकाई भारत में स्थापित करनी होगी और भारत के नियमों के तहत ही संचालन करना होगा। लेकिन इस तरह से उन्हें हर देश में अलग-अलग नियमों के तहत संचालन जैसी समस्या का सामना करना होगा।
31-Dec-2023 By: Rohit Tripathi
भारत में विदेशी क्रि

9 बड़े विदेशी एक्सचेंजों को मिनिस्ट्री ऑफ़ फाइनेंस का कारण बताओ नोटिस

मिनिस्ट्री ऑफ़ फाइनेंस ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन में लगे 9 बड़े विदेशी एक्सचेंजों को अवैध रूप से संचानल करने और Money Laundering (PML) Act के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन Offshore Virtual Digital Assets (VDA) सर्विस प्रोवाइडर्स में Binance, Kucoin, Huobi, Kraken, Gate।io, Bittrex, Bitstamp, MEXC Global और Bitfinex जैसे बड़े क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज के नाम शामिल हैं। जहाँ VDA सर्विस प्रोवाइडर्स को मार्च 2023 में PML Act के तहत एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग/काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (AML-CFT) फ्रेमवर्क में शामिल किया गया था। जिसके तहत अब तक 31 VDA सर्विस प्रोवाइडर्स ने FIU IND के साथ रजिस्ट्रेशन कर लिया था, लेकिन Offshore Entities ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराने का विकल्प चुना था।

भारत में अब इन क्रिप्टो एक्सचेंजों का अब क्या होगा भविष्य

भारत सरकार वर्तमान में पूरी तरह सख्त दिखाई दे रही हैं और चाहती हैं कि सभी क्रिप्टो सर्विस प्रोवाइडर FIU IND के साथ रजिस्ट्रेशन पूरा करें। अगर सभी विदेशी एक्सचेंज मिनिस्ट्री ऑफ़ फाइनेंस की शर्तों को मान लेते हैं, तो उन्हें सबसे पहले FIU IND के साथ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसके साथ ही अगर वे भारत में क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी सर्विस देना चाहते हैं तो उन्हें एक एंटिटी भारत में स्थापित करनी होगी, जो भारत सरकार के प्रति जवाबदेह रहे।

भारत सरकार की शर्तों को अगर मान लें क्रिप्टो एक्सचेंज

अगर क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज भारत में संचालन के लिए बताई गई शर्तों का पालन करते है तो, उन्हें आने वाले भविष्य में सभी देशों में इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। यहाँ सबसे बड़ी परेशानी यह ही कि कोई भी क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज हर देश में अपनी एक इकाई स्थापित कर ले यह एक बड़ा और मुश्किल काम है। साथ ही हर देश की सरकार समय-समय पर नियमों में बदलाव करती हैं, ऐसे में हर बार नए नियमों का पालन करना इन विदेशी एक्सचेजों के लिए मुश्किल होगा। ऐसे में अगर क्रिप्टो एक्सचेंज भारत सरकार की वर्तमान शर्तों पर राजी भी हो जाते हैं तो क्या ग्यारेन्टी है कि आगे कोई और नए नियम इसमें शामिल नहीं होंगे।

अगर FIU IND की बात को ना माने क्रिप्टो एक्सचेंज

अगर सभी Offshore Entities FIU IND को कोई जवाब नहीं देते हैं तो भी क्रिप्टो एक्सचेंजों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। FIU IND को जवाब न देने की स्थिति में मामला शिकायात समीक्षा समिति के पास रहेगा। जिसके बाद भारत सरकार कडा कदम उठाकर इन एक्सचेंजों से जुडी URL को ब्लॉक कर सकती हैं। हालाँकि इन्हें VPN के माध्यम से एक्सेस किया जा सकेगा। लेकिन यह भारतीय यूजर्स के लिए भारत में प्रतिबंधित  किसी अवैध वेबसाईट को सर्च करना और उस तक अपनी पहुँचने के सामान ही होगा।

वर्तमान में विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए क्या है स्थिति  

विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए विदेशी संस्थाएं होने के चलते वर्तमान में जमा और निकासी पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है। लेकिन यह सुविधा भी भारत सरकार कब तक जारी रखेगी कुछ कहा नहीं जा सकता। कुल मिलाकर विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों को भारत में संचालन करना है तो उन्हें भारत सरकार की शर्तों का पालन तो करना ही होगा या फिर भारतीय बाजार को हमेशा के लिए अलविदा कहना होगा।

यह भी पढ़िए : FIU IND ने 9 विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों को भेजा नोटिस

व्हाट यूअर ओपिनियन
सम्बंधित खबर
संबंधित ब्लॉग
`