दुनिया की सबसे तेजी के साथ बढ़ती अर्थव्यवस्था और बीते कुछ सालों में विश्वगुरु बन चुका भारत आज एक नया कीर्तिमान स्थापित करने वाला है। भारत की स्पेस एजेंसी ISRO द्वारा चंद्रमा पर भेजा गया Chandrayaan-3 आज 6 बजकर 4 मिनट पर चन्द्रमा की सतह पर लैंड करेगा। अगर यह लैंडिंग सफल रही तो भारत चन्द्रमा के South Pole पर पहुँचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। भारत वर्तमान में हर क्षेत्र में अपने आपको मजबूती से साबित कर रहा है। इसका एक और उदाहरण भारत ने हाल ही में पेश किया था जब उसने G20 देशों के लिए क्रिप्टोकरंसी से जुड़ा प्रेसिडेंसी नोट जारी किया था। इस तरह भारत ना केवल मून मिशन पर फोकस कर रहा है, बल्कि वह अपने क्रिप्टो रेगुलेशन से जुड़ा ऐसा फ्रेमवर्क बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जो दुनिया के सभी देशों को मान्य हो।
भारत वर्तमान में दुनिया के उन देशों में से है, जिसकी ताकत के आगे दुनिया के अन्य देश झुकते हैं, चीन, अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे बड़े देश भी वर्तमान में जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, भारत उनके समाधान की दिशा में कार्य कर रहा हैं। वर्तमान में दुनिया भर के देशों के समक्ष एक सबसे बड़ी समस्या है, क्रिप्टो रेगुलेशन। जिसे लेकर दुनिया के सभी देश अपनी-अपनी ओर से प्रयास कर चुके हैं, लेकिन अभी तक ऐसा फ्रेमवर्क नहीं निर्माण कर सके हैं, जो ग्लोबली मान्य हो। लेकिन भारत लगातार अपने द्वारा किये जा रहे प्रयासों से क्रिप्टो रेगुलेशन की इस समस्या को, न केवल अपने लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए सुलझाने का काम कर रहा है। हाल ही में क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन से जुड़े अपने प्रेसिडेंसी नोट में भारत यह बात कह चुका हैं, कि वह G20 देशों के साथ नॉन G20 देशों के क्रिप्टो रेगुलेशन से जुड़े सुझावों को क्रिप्टो फ्रेमवर्क के निर्माण में शामिल करेगा। भारत ने खुले तौर पर यह भी कहा है कि वह ऐसा क्रिप्टो रेगुलेटेड फ्रेमवर्क बनाएगा, जिसे दुनिया भर के देशों द्वारा भी आपनाया जाए। अगर भारत क्रिप्टोकरंसी रेगुलेशन पर किसी तरह के फ्रेमवर्क के निर्माण में कामयाब हो जाता है तो वह दुनिया के सामने एक नया कीर्तिमान बना सकता है।
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