भारत में क्रिप्टो करंसी को लेकर देश में जहाँ अस्पष्टता का माहौल वहीँ भारतीय क्रिप्टो यूजर्स के लिए एक और चौकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल ग्लोअबल क्रिप्टो एक्सचेंज OKX ने भारत से अलविदा लेने की घोषणा की है। इसके साथ ही OKX ने सभी भारतीय यूजर्स को 30 अप्रैल से पहले अपने अकाउंट बंद करने और फंड्स निकालने के लिए कहा है। यह निर्णय एक्सचेंज ने भारत सरकार द्वारा 9 विदेशी एक्सचेंजों पर सख्त करवाई के चलते लिया है।
बता दें कि भारत ने पिछले साल मार्च में क्रिप्टोकरेंसी को मनी-लॉन्ड्रिंग और काउंटर टेररिज्म फाइनेंसिंग के कानूनों के अंतर्गत रखा था। जिसमें CoinSwitch और CoinDCX जैसे भारतीय एक्सचेंजों सहित कई कंपनियों ने इन नियमों का पालन किया था। लेकिन FIU के पिछले साल के बयान के अनुसार, कई अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों ने ऐसा नहीं किया था। जिसके बाद कुछ महीनों पहले मिनिस्ट्री ऑफ़ फाइनेंस ने 9 बड़े विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों को अवैध रूप से संचानल करने और Money Laundering (PML) Act के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिस पर इन एक्सचेंजों की तरफ से कोई प्रतिकिया न देने पर इन पर बैन लगा दिया गया था।
स्पष्ट रेगुलेटरी गाइडलाइन्स और सख्त सरकारी कार्रवाइयों की कमी के कारण एक उभरता मार्केट होने के बावजूद भारत विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए एक मुश्किल क्षेत्र बना हुआ है। हालाँकि भारत में एक क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के बारे में चर्चा लगभग चार सालों से चल रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि भारत सरकार का उभरते क्रिप्टो मार्केट को स्वीकार करने का कोई इरादा नहीं है। अभी भी इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है की भारत में क्रिप्टो को लेकर नियम कब लागु किये जाएँगे। उस पर भारत में लागु क्रिप्टो टैक्स और अनिश्चितता भी बड़े प्लेयर्स के लिए चुनौती पैदा करते है। सरकार का क्रिप्टो के प्रति यह रवैया देश को ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन की दौड़ में पीछे करता है। क्योंकि इस कदम से जहाँ देश ग्लोबल लेवल पर पिछड़ रहा है वहीँ देश के क्रिप्टो यूजर्स के बीच भी अविश्वास की स्थिति पैदा हो रही है।
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