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भारत में बढ़ते क्रिप्टो मार्केट के लिए बाधा बन रहे है सरकार के नियम

महत्वपूर्ण बिंदु
  • क्रिप्टो निवेशकों की रुचि बढ़ने के बावजूद भी ट्रेडिंग वॉल्यूम अपने पीक लेवल पर नहीं पहुंच पाया है, जिसका मुख्य कारण देश में लागु क्रिप्टो टैक्स है।
  • सरकार के नियमों की वजह से ही भारतीय एक्सचेंज इस बुल मार्केट का पूरी तरह फायदा नहीं उठा पा रहे है।
  • क्रिप्टो को लेकर सरकार के नजरिये को देखते हुए भी भारत में क्रिप्टोकरंसी को लेकर काफी अस्पष्टता है।
19-Mar-2024 By: Shailja Joshi
भारत में बढ़ते क्रिप्

भारत में बढ़ते क्रिप्टो मार्केट को करना पड़ रहा है बाधाओं का सामना

Bitcoin की कीमत में तेजी आने से भारत के क्रिप्टो मार्केट में लम्बे समय बाद हरियाली आई है। जिसके चलते लम्बे समय बाद भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों की स्थिति में सुधार आ रहा है। जिसमें भारत के जाने माने क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX का ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले महीने लगभग पांच गुना तक बढ़ा है, जो फरवरी की शुरुआत में $ 5 मिलियन से बढ़कर महीने के अंत तक लगभग $ 25 मिलियन हो गया था। इसी तरह, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX में 2024 की शुरुआत के बाद से ट्रेडिंग वॉल्यूम में 20 गुना वृद्धि देखी गई है। इसी के साथ एक्सचेंजो पर नए यूजर रजिस्ट्रेशन और डेली वेबसाइट ट्रैफिक में भी वृद्धि हुई है, जिसके चलते क्रिप्टो एक्सचेंज CoinSwitch 20 मिलियन यूजर बेस वाला भारत का पहला क्रिप्टो प्लेटफॉर्म बन गया है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय एक्सचेंज ने यह रिकॉर्ड दर्ज किया है। 

सरकार के नियम बन रहे है मुसीबत 

लेकिन निवेशकों की रुचि बढ़ने के बावजूद भी ट्रेडिंग वॉल्यूम अपने पीक लेवल पर नहीं पहुंच पाया है, जिसका मुख्य कारण देश में लागु क्रिप्टो टैक्स है। 2022 में, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफ़िट्स पर 30% टैक्स और सभी ट्रांज़ैक्शन पर 1% टैक्स लगाया था। जिसने रिटेल इन्वेस्टमेंट को काफी प्रभावित किया था। जिसका भारतीय क्रिप्टो मार्केट पर काफी प्रभाव पड़ा था और तब से अब तक क्रिप्टो मार्केट 2021 में देखी गई ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाया है। इसके साथ ही भारत सरकार के क्रिप्टो के प्रति रुख का असर भी सीधे भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों पर पड़ा।

 बता दें कि क्रिप्टो टैक्स और सख्त नियमों के चलते पिछले साल लाखों यूजर्स बड़े पैमाने पर ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज में ट्रांसफर हो गये थे। यह कदम देश में क्रिप्टोकरंसी को लेकर निवेशकों की अनिश्चितता को साफ बताता है। हालाँकि देश में अभी भी क्रिप्टो को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाए गये है, जिससे भारतीय निवेशकों में क्रिप्टो निवेश को लेकर पूरी तरह विश्वास नहीं बन पाया है। यही वजह है कि भारतीय एक्सचेंज इस बुल मार्केट का पूरी तरह फायदा नहीं उठा पा रहे है।

इसके साथ ही क्रिप्टो को लेकर सरकार के नजरिये को देखते हुए भी भारत में क्रिप्टोकरंसी को लेकर काफी अस्पष्टता है। हाल ही में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरंसी और अन्य डिजिटल एसेट पर कड़ा रुख अपनाया है, और इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें करंसी नहीं माना जा सकता है। वितमंत्री के इस बयान से क्रिप्टो को लेकर भारत सरकार का नकारात्मक रुख सामने आता है। इससे भारतीय निवेशकों का क्रिप्टो को लेकर विश्वास कम हो सकता है। जिसका खामियाजा भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को भुगतना पड़ सकता है। 

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